‘बुद्घं शरणं गच्छामि, संघ शरणं गच्छामि’…!!! बुधवार को दिन भर बोध गया में इस मंत्र का उद्घोष होता रहा। मौका था भगवान बुद्ध की 2561वीं जयंती की। इस मौके पर ज्ञान और करुणा की पावन भूमि पर बिहार के राज्यपाल रामनाथ कोविंद ने बोधगया पहुंचकर भगवान बुद्ध को नमन किया। इधर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भी पटना के स्मृति उद्यान में पूजा-अर्चना की। बोधगया में राज्यपाल ने दीप जलाकर बुद्ध जयंती का विधिवत उद्घाटन किया। इस खास मौके पर बिहार विधानसभा में प्रतिपक्ष के नेता प्रेम कुमार भी मौजूद थे। इस अवसर पर पूरे महाबोधि मंदिर परिसर को पंचशील ध्वज, झंडी-पताखा और कृत्रिम प्रकाश से सजाया गया।
कार्यक्रम का शुभारंभ 80 फुट विशाल बुद्घ प्रतिमा से महाबोधि मंदिर तक शोभा यात्रा निकाल कर किया गया। पूजा-अर्चना के पश्चात भिक्षुओं को संघदान दिया गया। पवित्र बोधिवृक्ष की छांव में बौद्घ धर्म के विभिन्न पंथ के भिक्षुओं द्वारा सूत्त पाठ किया गया। इस शोभायात्रा में भिक्षु, श्रद्घालु, स्कूली बच्चों सहित भारी संख्या में लोग शामिल हुए। इसमें देश-विदेश के बौद्घ श्रद्घालु भी पहुंचे।
मुख्यमंत्री नीतीश ने बुद्ध पूर्णिमा पर पटना के स्मृति उद्यान जाकर भगवान बुद्घ को नमन किया तथा विश्व शांति के साथ राष्ट्र एवं राज्य की प्रगति, समृद्घि की कामना की।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इस मौके पर वर्तमान में विपश्यना की जरूरत पर जोर देते हुए कहा कि इससे न सिर्फ उनका मंगल होगा, बल्कि समाज पर भी इसका सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा। उन्होंने स्मृति पार्क में विपश्यना का नियमित केंद्र बनाने की इच्छा भी जताई, जिससे लोग नियमित साधना कर सकें। उन्होंने कहा कि विपश्यना आत्मनिरीक्षण द्वारा आत्मशुद्घि की अत्यंत पुरातन साधना-विधि है।