पूरे देश को झकझोर देने वाले दिल्ली गैंगरेप मामले में सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को बड़ा फैसला सुनाते हुए दोषियों की सजा बरकरार रखी है। कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए मामले के दोषी अक्षय ठाकुर, विनय शर्मा, पवन गुप्ता और मुकेश की फांसी की सजा कायम रखी।उल्लेखनीय है कि निर्भया रेप केस का एक मुख्य आरोपी अक्षय जो बिहार के औरंगाबाद का रहनेवाला है उसे फांसी की सजा होगी| बिहार का रहने वाला अक्षय ठाकुर (33) अपनी पढ़ाई छोड़कर घर से भागकर दिल्ली आ गया था।यहां उसकी दोस्ती राम सिंह से हुई थी। राम सिंह के सहारे वह फल बेचने वाले पवन गुप्ता से भी घुल-मिल गया था|अक्षय को दिल्ली पुलिस बिहार के औरंगाबाद से गिरफ्तार कर के लाई थी, वारदात के बाद वह फरार हो गया था। जबकि विनय को वारदात की अगली सुबह, उसके घर रवि दास कैंप (आरके पुरम, दिल्ली) से गिरफ्तार किया गया था। ये दोनों राम सिंह (अब मृतक) के साथ वारदात के दिन चार्टर बस में मौजूद थे। विनय शर्मा, दक्षिण दिल्ली में ही एक जिम इंस्ट्रक्टर था जबकि अक्षय बिहार से दिल्ली नौकरी खोजने आया था।
इन चारों आरोपियों ने सजा को अदालत में चुनौती दी थी। इससे पहले, अदालत ने 27 मार्च को मामले में फैसला सुरक्षित रखा था। पूरे देश की नजर फैसले पर थी। निर्भया के माता-पिता सुनवाई के दौरान कोर्ट में मौजूद थे।
निर्भया केस में सर्वसम्मति से तीनों जजों ने फैसला सुनाया। सुप्रीम कोर्ट ने निर्भया केस को बर्बरतापूर्ण घटना करार दिया। कोर्ट ने कहा कि इस बर्बरता के लिए माफी नहीं दी जा सकती। यह गुनाह ऐसा है कि इसमें माफी की गुंजाइश ही नहीं है। सुप्रीम कोर्ट ने अपना फैसला सुनाते हुए कहा कि कठोर सजा मिलेगी तभी समाज में भरोसा पैदा होगा।