नई दिल्ली। दहेज उत्पीड़न जिसने हमारे देश को खोखला कर रखा है। उस मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा बदलाव किया है। दहेज मामले में पति और उसके परिवार को मिले सेफगार्ड को खत्म कर दिया गया है। सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को कहा कि, शिकायतों के निपटारे के लिए परिवार कल्याण कमेटी की जरूरत नहीं है। मामले में आरोपियों की गिरफ्तारी पर लगी रोक हटाते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि पीड़ित की सुरक्षा के लिए ऐसा करना जरूरी है। कोर्ट ने आगे कहा कि आरोपियों के लिए अग्रिम जमानत का विकल्प खुला है।
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दो जजों का क्या था फैसला
27 जुलाई 2017 को सुप्रीम कोर्ट के दो जजों की बेंच ने कहा, कि आईपीसी की धीरी-498 ए यानी दहेज प्रताड़ना मामले में गिरफ्तारी सीधे नहीं होगी। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि, दहेज प्रताड़ना मामले को देखने के लिए हर जिले में एक परिवार कल्याण समिति कोर्ट ने दहेज प्रताड़ना मामले में कानून के दुरुपयोग पर चिंता जाहिर की और लीगल सर्विस अथॉरिटी से कहा है कि वह प्रत्येक जिले में परिवार कल्याण समिति का गठन करे।
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