नई दिल्ली। मोदी कैबिनेट ने बुधवार को तीन तलाक के अध्यादेश को पारित कर दिया है। लेकिन यह बिल पिछले 2 सत्रों से राज्यसभा में पास नहीं हो पाया है। आपको बता दें कि ये अध्यादेश 6 महीने तक लागू रहेगा। जिसके बाद सरकार को दोबारा इसे बिल के तौर पर पास करवाने के लिए संसद में पेश करना होगा।
Union Cabinet today has approved an ordinance on Triple Talaq bill, making Triple Talaq a criminal act: Sources pic.twitter.com/f0F0RnlpaP
— ANI (@ANI) September 19, 2018
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तीन तलाक के मुद्दे पर मोदी सरकार काफी आक्रामक रही है, इसके लिए सरकार की ओर से बिल भी पेश किया गया था। हालांकि, कांग्रेस समेत अन्य विपक्षी दलों के विरोध के बाद इस बिल में संशोधन किया गया था।
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संशोधित तीन तलाक बिल में खास क्या…
- ट्रायल से पहले पीड़िता का पक्ष सुनकर मजिस्ट्रेट दे सकता है आरोपी को जमानत
- पीड़िता, परिजन और खून के रिश्तेदार ही एफआईआर दर्ज करा सकते हैं
- मजिस्ट्रेट को पति-पत्नी के बीच समझौता कराकर शादी बरकरार रखने का अधिकार होगा
- एक बार में तीन तलाक बिल की पीड़ित महिला मुआवजे की हकदार
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