नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट आज मस्जिद में नमाज पढ़ने को लेकर अहम फैसला सुनाएगा। जिसकी सुनवाई दोपहर 2 बजे होगी। अयोध्या राम जन्मभूमि मामले में चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा की अध्यक्षता वाली तीन जजों की बेंच ने इसी साल 20 जुलाई को इसी केस में अपना फैसला सुरक्षित रखा था। इस सुनावाई में इस बात का फैसला होगा कि, मस्जिद में नमाज पढ़ना इस्लाम का आंतरिक हिस्सा है या नहीं।
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बता दें कि इस केस में इस्माइल फारूकी फैसले के उस हिस्से पर मुस्लिम पक्ष की ओर से नए सिरे से विचार करने की मांग की गई है जिसमें कहा गया था कि मस्जिद में नमाज पढ़ना इस्लाम का अभिन्न अंग नहीं है।
1994 में सुप्रीम कोर्ट की पांच जजों की बेंच ने इस्माइल फारूकी केस में राम जन्मभूमि मामले में यथास्थिति बरकरार रखने का निर्देश दिया था ताकि हिंदू पूजा कर सकें। बेंच ने ये भी कहा था कि मस्जिद में नमाज पढ़ना इस्लाम का जरूरी हिस्सा नहीं है।
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दरअसल, अयोध्या में विवादित जमीन के मालिकाना हक के मुख्य मामले यानी टाइटल सूट की सुनवाई से पहले कोर्ट इस मामले पर फैसला देगा कि क्या नमाज़ पढ़ना इस्लाम का अभिन्न हिस्सा है या नहीं। 2010 में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने फैसला देते हुए एक तिहाई हिंदू, एक तिहाई मुस्लिम और एक तिहाई राम लला को दिया था।