नई दिल्ली। म.प्रदेश के सीएम कमलनाथ ने बिहार के लोगों को वहां मिल रही नौकरियों को लेकर बिहार की राजनीति पर तीखी आलोचना की है। जिसको लेकर बिहार की सियासत का तापमान बढ़ता जा रहा है।
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बीजेपी ने जहां इसे क्षेत्रवाद को बढ़ावा देने वाला बयान बताया है, वहीं कांग्रेस ने कमलनाथ के इस बयान पर अपना पल्ला झाड़ती नजर आ रही है। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष डॉ.मदन मोहन झा ने कहा की, उन्हें इस संदर्भ की कोई जानकारी नहीं है। जबकि, पूर्व सीएम जीतन राम मांझी ने कमलनाथ का बचाव करते हुए कहा कि बिहार सरकार की नीतियों के कारण लोगों का यहां से पलायन हो रहा है।
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देश और राज्यों में बढ़ेंगे क्षेत्रवाद के मामले
कमलनाथ ने सोमवार को मुख्यमंत्री पद संभालते ही स्थानीय नौकरियों में बिहार के लोगों की हिस्सेदारी पर सवाल उठाया था। उन्होंने इस संबंध में ट्वीट भी किया। इसके पहले बिहार के लोगों को लेकर महाराष्ट्र में मनसे के राज ठाकरे ने विवादित बयान दिया था। इसके बाद गुजरात निवासी और बिहार में कांग्रेस के सह प्रभारी अल्पेश ठाकोर के समर्थकों ने गुजरात में बिहारियों से दुर्व्यवहार किया था। ठाकोर सेना ने गुजरात में बिहारियों पर हमला भी किया था।
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किसी को भी कहीं काम करने का है अधिकार
कमलनाथ का बयान निंदनीय है. इस तरह का बयान क्षेत्रवाद को बढ़ावा देगा। सत्ता संभालते ही उन्होंने मध्य प्रदेश में क्षेत्रवाद का बीज बोना शुरू कर दिया है। दो दिन में ही सत्ता का अहंकार कांग्रेस में नजर आने लगा है। राहुल गांधी व तेजस्वी प्रसाद यादव को माफी मांगनी चाहिए।
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इस कारण हजारों लोगों को अक्टूबर में गुजरात छोड़कर बिहार लौटना पड़ा था। बिहारियों के प्रति नफरत की आग स्थानीय नेता लगाते रहते हैं। पर, यह मामला अब तूल पकड़ने लगा है, क्योंकि किसी मुख्यमंत्री ने पहली बार बिहार के लोगों को लेकर विवादित बयान दिया है।