पटना में पुलिस के आलाधिकारी अब काम नहीं करने वाले थानेदारों पर पैनी निगार बनाए हुए हैं| कहीं न कहीं हर रोज कोई थानेदार काम में कोताही के आरोप में निलंबन का शिकार हो जाता है| ताजा मामला है गांधी मैदान यातायात थाना में तैनात इंसपेक्टर शशि शेखर चौहान का है | काम में ढिलाई के आरोप में इन्हें भी निलंबित कर दिय गया है| ये कार्रवाई पटना सेंट्रल रेंज के डीआईजी राजेश कुमार ने की है| दरअसल पटना में दिनोंदिन जाम की समस्या से हर कोई परेशान है| एक तो जाम दूसरा अतिक्रमण| पटना का शायद कोई ही इलाका बचा हो जो जाम और अतिक्रमण की समस्या से मुक्त हो इसको लेकर हाईकोर्ट ने भी कई बार पुलिस प्रशासन पर सख्त टिप्पणी की है| लेकिन पुलिस पर उसका असर कम दिन ही देखने को मिलता है|
दरअसल पटना हाईकोर्ट ने जाम को लेकर गंभीर रुख अख्तियार किया है और पुलिस के आलाधिकारियों से इस बारे में जवाब-तलब किए जा रहे हैं| हाईकोर्ट के ताजा रुख को देखते हुए पटना में जाम से निबटने के लिए पुलिस की भूमिका की समीक्षा की गई| समीक्षा के दौरान ये पाया गया कि यातायात थाना जाम की समस्या से छुटकारा दिलाने को लेकर गंभीर नहीं है और इस थाने के अधिकारी कहीं भी सक्रिय नहीं दिखते हैं| जाम के असली कारणों को जानते हुए भी पुलिस कुछ नहीं कर पाती| कई जगहों पर तो पुलिस की मिलीभगत की भी बात सामने आती है| कुछ दिनों पहले ही बोरिंग रोड इलाके में पुलिस के सख्त रवैये के चलते पूरा इलाका अतिक्रमण से मुक्त हो गया था इस ऑपरेशन के दौरान दुकानदारों ने पुलिस पर गंभीर आरोप भी लगाए थे|