मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पीएम नरेंद्र मोदी से मुलाकात के दौरान गंगा की अविरलता का मुद्दा उठाया| मुलाकात के दौरान उन्होंने कहा कि गंगा की पवित्रता बनाए रखने के लिए इसकी अविरलता बनाए रखनी होगी| उन्होंने गंगा में गाद के चलते बिहार में विनाशकारी बाढ़ का मामला भी उठाया सीएम नीतीश कुमार ने गंगा में गाद का आकलन करने के लिए दस जून से पहले एक केंद्रीय टीम को बिहार भेजने का अनुरोध पीएम से किया,जिसे प्रधानमंत्री ने स्वीकार कर लिया|
दिल्ली में मॉरिशस के प्रधानमंत्री प्रविंद कुमार जगन्नाथ के सम्मान में शनिवार को पीएम के भोज में शिरकत करने के बाद नीतीश ने गंगा के गाद से उत्पन्न समस्याओं से संबंधित एक पत्र भी पीएम को सौंपा है। इसके बाद बिहार भवन में मीडिया से बात करते हुए नीतीश ने गंगा से अपना भावनात्मक लगाव बताया।
उन्होंने बताया कि मेरा बचपन गंगा किनारे ही बीता है। गंगा का प्रवाह मार्ग गाद से पट गया है। फरक्का बराज के बनने के बाद गंगा के ऊपरी इलाके में गाद का भारी जमाव हो रहा है, जिसके कारण बाढ़ का पानी बक्सर से भागलपुर तक काफी तबाही मचाता है।
मुख्यमंत्री ने गंगा के तटवर्ती इलाकों में बाढ़ की मूल वजह गाद के जमाव को ही बताया है । इसके स्थायी समाधान के लिए राष्ट्रीय गाद प्रबंधन नीति बनाने की जरूरत बताई है। उन्होंने कहा कि इससे न केवल गंगा बल्कि अन्य नदियों की अविरलता और निर्मलता को बचाया जा सकता है। राज्य सरकार की ओर से इस मामले को लगातार राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय स्तर की बैठकों में उठाया जाता रहा है।