जन अधिकार पार्टी के संरक्षक और मधेपुरा से राजद के विक्षुब्ध सांसद पप्पू यादव एक बार फिर से ‘ऑपरेशन डॉक्टर’ अभियान चलाने में जुटे हैं| इस बार वो कथित तौर पर फर्जी डॉक्टरों के क्लिनिक में खुद ताला जड़ देते हैं| इस कार्रवाई के चलते सहरसा और मधेपुरा के डॉक्टरों में हड़कंप मचा हुआ है| पप्पू यादव कहते हैं कि मेडिकल और शिक्षा माफिया के खिलाफ उनकी लड़ाई प्रायोरिटी लिस्ट में है और वो ऐसे फर्जी डॉक्टरों के खिलाफ लगातार अभियान चलाते रहेंगे| पप्पू यादव का आरोप है कि डॉक्टर सरकारी अस्पतालों में मरीजों का इलाज करने के बजाए अपना निजी क्लिनिक चलाते हैं और मरीजों से मनमाना पैसा वसूलते हैं| उन्होंने सरकार से मांग की है कि डॉक्टरों की फीस और मेडिकल टेस्ट का निर्धारण सरकारी दर पर हो| डॉक्टरों के निजी प्रैक्टिस को वो एक तरह का लूट मानते हैं| उनका आरोप है कि कोसी इलाके में सबसे ज्याजा फर्जी डॉक्टर हैं जिसके चलते गरीब मरीजों की जान जा रही है| सोमवार को ही सहरसा में उन्हें किसी फर्जी डॉक्टर की जानकारी मिली थी उसके बाद वो प्रैक्टिस कर रहे कथित रुप से फर्जी डॉक्टर की क्लिनिक पर पहुंचे और ताला जड़ दिया| हालांकि पप्पू यादव के आने से पहले ही वो कथित फर्जी डॉक्टर अपना क्लिनिक छोड़कर फरार हो गया|
पप्पू यादव ने मधेपुरा में भी इसी तरह का अभियान चलाया और एक डॉक्टर की क्लिनिक पर पहुंचे और ताला जड़ दिया| हालांकि कहा जा रहा है कि वो डॉक्टर शहर के जाने माने डॉक्टर हैं| लेकिन कुछ दिन पहले सदर अस्पताल में एक बच्चे की मौत की वजह सांसद और स्थानीय लोग इसी डॉक्टर की लापरवाही मानते हैं|
फिलहाल प्रशासन इस मामले में चुप्पी साधे हुए है और सासंद फुल एक्शन में हैं| पप्पू यादव ने जिला प्रशासन को चेतावनी दी है और कहा है कि 72 घंटों के भीतर डॉक्टर को गिरफ्तार किया जाए| 31 मई को मधेपुरा में धरना-प्रदर्शन की बात भी सांसद ने कही है|
साल 2014 में इसी बात को लेकर इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के साथ पप्पू यादव का बड़ा पंगा हुआ था|