बिहार इंटरमीडिएट आर्ट्स टॉपर गणेश का रिजल्ट कई सवालों को जन्म दे रहा है| जानकारी के मुताबिक जिस संगीत के सौ नंबर की परीक्षा में गणेश को 83 अंक मिले हैं उसे संगीत का क-ख-ग भी नहीं मालूम| संगीत की बेसिक जानकारी क्या होती है, उसे इस बारे में भी कुछ नहीं मालूम है| गणेश की मानें तो परीक्षा में ज्याद नंबर लाने की चाहत के चलते ही वो संगीत के विषय को चुना| सबसे हैरत करने वाली बात ये है कि रिजल्ट आने के बाद गणेश सवालों से बचने के चलते अचानक गायब हो गया|
जिस स्कूल से गणेश ने परीक्षा दी है उसके पास संसाधन के नाम पर ज्यादा कुछ नहीं है और इस स्कूल को रसूख के बल पर ही साल 2013 में संबद्धता दे दी गयी|
इस स्कूल को देखकर ही कोई कह सकता है कि जिस स्कूल में संसाधन के नाम पर कुछ भी नहीं वो स्कूल संगीत की शिक्षा कैसे दे रहा? संगीत को छोड़ भी दें तो इस स्कूल में बुनियादी पढ़ाई के भी कुछ साधन नहीं हैं मसलन ना लाइब्रेरी में किताबें,न लैब में प्रैक्टिकल के लिए जरूरी उपकरण| महज संगीत की परीक्षा में अच्छे नंबर लाकर ही गणेश आर्ट्स का टॉपर बन गया| क्योंकि संगीत की थ्योरी में उसे 18 और प्रैक्टिकल में उसे 65 नंबर मिले हैं|बड़ा सवाल ये भी है कि झारखंड के गिरिडीह से गणेश पढ़ने और परीक्षा देने समस्तीपुर के देहात के गांव में क्यों आया?