बिहार में स्वास्थ्य सेवाओं का क्या हाल है इससे तो सभी वाकिफ हैं लेकिन यहां मरीज की मौत के बाद भी उन्हें सही जगह हासिल नहीं होती | मामला मुजफ्फरपुर के एसकेएमसीएच का है जहां कुछ दिन पहले ही एक बुजुर्ग महिला की मौत के बाद भी शव को गांव पहुंचाने के लिए एंबुलेंस नहीं मिला था और उसके दामाद ने महिला की लाश को पीठ पर बांध कर पंद्रह किलोमीटर की यात्रा तय कर उसे गांव पहुंचाया था| ये भी कुछ ऐसा ही मामला है जहां एक बार फिर मानवता शर्मसार हुई है| जहां एक महिला के शव को मरने के बाद भी स्ट्रेटर नसीब नहीं हुआ और वहां काम करने वाले सफाईकर्मियों ने लाश को कचरा फेंकने वाली ट्रॉली में ठूंस दिया और जाकर रख दिया|
दरअसल एक लावारिस महिला का काफी दिनों से इलाज मेडिकल कॉलेज में चल रहा था, जिसका कोई रिश्तेदार नहीं था| लावारिस होने के चलते उसका सही तरीके से इलाज भी नहीं हो पा रहा था| शर्मसार करन वाली घटना यह है कि वो पिछले पंद्रह दिनों से मेडिकल कॉलेज के पार्क में पड़ी हुई थी और उसीक देखभाल करने वाला कोई नहीं था,इलाज के अभाव में पार्क में पड़े-पड़े उसने वहीं दम तोड़ दिया| जब सफाई कर्मी पार्क साफ करने वहां पहुंचे तो उन्होंने शव को देखा|
बाद में सफाईकर्मियों ने कचड़ा उठाने वाली ट्रॉली में लाश को उठाया और वहां से हटा दिया|