फरक्का बराज तो तोड़ने की दिशा में नहीं बल्कि जमा सिल्ट हटाने की दिशा में मंत्राल की ओर से रणनीति तैयार की जा रही है| आईआईटी इंजीनियर,पर्यावरण की टीन और गंगा के जानकार एक साथ मिलकर इस समस्या पर काम कर रहे हैं| ये बातें केंद्रीय जल संसाधन मंत्री उमा भारती ने सुल्तानगंज और मुंगेर में गंगा चौपाल के दौरान कही| उन्होंने कहा कि सुल्तानगंज और मुंगेर में वाटर ट्रीटमेंट प्लांट लगाया जाएगा ताकि शहर का गंदा पानी साफ होकर गंगा में गिरे| इसकी आधारशिला अक्टूबर महीने में रखी जाएगी|साथ ही रिवर फ्रंट भी बनाया जाएगा| इसमें महिलाओं के शौचालय से लेकर स्नानागार होगा| जो भी घाट पुराने और कमजोर होंगे उनकी मरम्मत की जाएगी| उन्होंने कहा कि गंगा को स्वच्छ और निर्मल बनाने की जिम्मेदारी सिर्फ सरकार की नहीं है आम जनता को भी इसके लिए आगे आने की जरुरत है|मंत्री ने कहा कि साल 2019 तक गंगा अविरल दिखने लगेगी| इस पर बीस हजार करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे|