केद्रीय जल संसाधन मंत्री उमा भारती ने कहा कि गंगा में गाद की समस्या और उसकी अविरलता पर सीएम नीतीश कुमार के सुझावों को सुना है| उनके सुझावों पर अमल होगा| नीतीश कुमार ने वेशेषज्ञों की मांग की थी और हमने उसे माना है| पांच जून को सचिव आ रहे हैं| गंगा में गाद का कारण फरक्का है या कोसी और गंडक ये सब साफ हो जाएगा| केंद्रीय मंत्री ने मीडिया के सवालों का जवाब देते हुए कहा कि साल 2018 में गंगा से गाद खत्म हो जाएगा ये हमने नहीं कहा है लेकिन 2018 तक गंगा की निर्मलता का पहला बेहतर परिणाम सामने आ जाएगा| गाद पर राजनीति न हो| उन्होंने कहा कि कमेटी काम कर रही है और 70 सालों में ये पहला मौका है जब किसी केंद्र सरकार ने गाद को मुक्त करने का फैसला किया है| मंत्री ने कहा किी नीतीश जी भी इंजीनियर हैं गंगा की अविरलता के लिए उसे तीन भागों में बांटा है| दूसरी नदियों को भी गाद से मुक्ति दिलाई जाएगी,लेकिन गंगा उसमें आदर्श नदी होगी|
उमा भारती ने कहा कि बिहार,बंगाल और झारखंड में गंगा के किनारे आर्सेनिक का अंश आ गया है| उसपर काम जारी है देश में अंडर वाटर मैपिंग हो रही है| एक सवाल के जवाब में केंद्रीय मंत्री ने कहा कि नमामि गंगे में अबतक चार हजार 42 करोड़ रुपए दिए गए हैं| जल संसाधन के लिए 700 करोड़ रुपए दिए गए हैं करीब 10 हजार करोड़ का काम बिहार में चल रहा है|