राज्य में अब मुखियाजी लोगों के लिए बुरी खबर है| सरकार ने उनके अधिकारों को सीमित करने का फैसला लिया है| साथ ही मुखिया को पूर्व की तरह वित्तीय अधिकार भी नहीं रह जायेगा| अब मुखियाजी पहले की तरह पंचायतों में अपने कामकाज के अधिकारों का उपयोग नहीं कर सकेंगे| अब पंचायत में होने वाले काम के लिए समिति से ही विकास के काम के लिए सहमति बनायी जाएगी|
शुक्रवार को कैबिनेट की विशेष बैठक में एक मात्र एजेंडे पर मुहर लगी| नई व्यवस्था के तहत पंचायती राज अधिनयम में संशोधन कर पंचायतों की समिति के अधिकार को बढ़ा दिया गया है| कैबिनेट की बैठक में लिए निर्णय में सरकार ने वार्ड विकास समिति को वैधानिक दर्जा देने का फैसला किया|
पिछले दिनों पटना हाईकोर्ट ने वार्ड विकास समिति को रद्द कर दिया था लेकिन अब वैधानिक दर्जा मिलने से मुखिया पर समिति का शिकंजा कसेगा| वार्ड विकास समिति को लेकर ही मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने राज्यपाल रामनाथ कोविंद से भी मुलाकात की थी और उन्हें विश्वास में लिया था|