निर्भया गैंग रेप मामले में सुप्रीम कोर्ट ने चार दोषियों की फांसी की सजा बरकरार रखी है|जस्टिस दीपक मिश्रा,जस्टिस आर भानुमति और जस्टिस अशोक भूषण की बेंच ने ये अहम फैसला सुनाया|कोर्ट ने फांसी की सजा बरकरार रखते हुए कहा कि निर्भया कांड सदमे की सुनामी थी|फैसले के बाद निर्भया के पिता ने कहा कि ये मेरे पूरे परिवार की जीत है|वहीं बचाव पक्ष के वकील ने कहा उनके मुवक्किलों के साथ न्याय नहीं हुआ और हम सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ पुनर्विचार याचिका दायर करेंगे|इससे पहले दिल्ली हाईकोर्ट द्वारा फांसी की सजा पाए दोषियों की अपील पर सुप्रीम कोर्ट ने 27 मार्च को सुनवाई पूरी कर फैसला सुरक्षित रख लिया था|इस मामले में दोषी अक्षय,विनय शर्मा,पवन गुप्ता और मुकेश की तरफ से हाई कोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई थी|इनमें से एक दोषी राम सिंह की मौत हो चुकी है|जबकि एक और दोषी नाबालिग होने के चलते अपनी तीन साल की सुधारगृह की सजा पूरी कर चुका है|
16 दिसंबर 2012 को 23 साल की पैरामेडिकल छात्रा निर्भया के साथ दिल्ली में गैंगरेप हुआ था|उस रात निर्भया अपने पुरुष मित्र के साथ करीबन नौ बजे दक्षिणी दिल्ली के मुनीरका इलाके में अपने पालम विहार घर जाने के लिए बस काे इंतजार कर रही थी|कुछ देर बाद यानी साढ़े नौ बजे के करीब एक सफेद बस वहां रुकी|उसमें से एक ने उन लोगों को बस में चढ़ने का आग्रह किया|इसके बाद वे बस में चढ़ गए|उस बस में ड्राइवर सहित छह लोग पहले से ही मौजूद थे|थोड़ी देर बाद उनलोगों ने निर्भया के साथ गैंगरेप किया और उसके बाद दोनों को बुरी तरह से पीटा और महिपालपुर फ्लाईओवर के पास उनको फेंक कर चले गए|बाद में एक पीसीआर वैन ने उनको घायल हालत में अस्पताल पहुंचाया|हालांकि,घटना के 11 दिनों के बाद निर्भया की मौत हो गई|