प्रतिष्ठित धावक मिल्खा सिंह का शनिवार को चंडीगढ़ में पूरे राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया। मिल्खा, जो 91 वर्ष के थे, को उनके परिवार के सदस्यों और खेल मंत्री किरेन रिजिजू सहित कई गणमान्य व्यक्तियों की उपस्थिति में अश्रुपूर्ण विदाई दी गई।
‘द फ्लाइंग सिख’,जैसा कि उन्हें प्यार से कहा जाता था,पिछले कुछ दिनों से कोविडसे लड़ रहे थे। पांच दिन पहले, मिल्खा की पत्नी जो कि भारत की पूर्व वॉलीबॉल कप्तान भी थीं, निर्मल कौर, वायरस से अपनी जिंदगी की जंग हार गई थीं।
मिल्खा अपने पीछे 14 बार के अंतरराष्ट्रीय विजेता गोल्फर बेटे जीव मिल्खा सिंह, बेटियां मोना सिंह, सोनिया सिंह और अलीजा ग्रोवर के अलावा एक विरासत जो भारत की खेल विद्या का हिस्सा है,छोड़ गए हैं।
फ्लाइंग सिख मिल्खा 20 मई को कोरोना पॉजिटिव आए थेऔर उनको 24 मई को मोहाली के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया था। 3 जून को ऑक्सीजन का स्तर गिरने के कारण उन्हें मेडिकल आईसीयू में स्थानांतरित कर दिया गया था।
#WATCH | Last rites of former Indian sprinter #MilkhaSingh, widely regarded as Flying Sikh, performed with state honours in Chandigarh pic.twitter.com/0sDnKjIY1Y
— ANI (@ANI) June 19, 2021
देश ने ऐसे दी भावपूर्ण श्रद्धांजलि
- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्विटर के माध्यम से शोक व्यक्त करते हुए लिखा, “श्री मिल्खा सिंह जी के निधन से, हमने एक महान खिलाड़ी खो दिया है, जिसने देश की कल्पना पर कब्जा कर लिया था और जिसका अनगिनत भारतीयों के दिलों में एक विशेष स्थान था। उनके प्रेरक व्यक्तित्व ने उनको को लाखों लोगों का प्रिय बना दिया। उनके निधन से दुखी हूं।”
- पंजाब सरकार ने मिल्खा सिंह के सम्मान में एक दिन के राजकीय शोक और छुट्टी की घोषणा की थी। मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने कहा कि पंजाब सरकार मिल्खा सिंह का राजकीय अंतिम संस्कार करेगी।
- भारतीय महिला एथलीट पीटी ऊषाने शोक प्रकट करते हुए कहा,“मेरी आराध्य और प्रेरणास्रोत मिल्खा सिंह जी के निधन से दुख के काले बादल छाए हुए हैं। दृढ़ संकल्प और कड़ी मेहनत की उनकी कहानी ने लाखों लोगों को प्रेरित किया और आगे भी करता रहेगा। ईश्वर उनकी आत्मा को शांति दे।”
- टीम इंडिया ने खेल जगत के बादशाह मिल्खा सिंह की याद में मैच में ब्लैक आर्मबैंड पहना है।
- फ्लाइंग सिख को फिल्म जगत ने भी भावपूर्ण श्रद्धांजलि दी। अमिताभ बच्चन, मोहनलाल, सुपरस्टार शाहरुख खान, अक्षय कुमार, अजय देवगन, अभिनेता-फिल्म निर्माता फरहान अख्तर और भारतीय फिल्म उद्योग के अन्य लोगों ने खेल दुनिया के एक युग के अंत पर शोक व्यक्त किया।
ऐसे बने दिलों पर राज करने वाले खिलाड़ी
सिंह ने मेलबर्न में आयोजित 1956 के ओलंपिक खेलों में पहली बार 200 मीटर और 400 मीटर दौड़ में भाग लिया। एक एथलीट के रूप में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उनका पहला अनुभव भले ही सुखद न रहा हो, लेकिन बाद में यह दौरा उनके लिए अत्यंत फायदेमंद साबित हुआ। इसके बाद,सिंह ने 1958 में कटक में आयोजित राष्ट्रीय खेलों में 200 मीटर और 400 मीटर स्पर्धा में रिकॉर्ड बनाया।
इसके बाद इसी साल टोक्यो में हुए एशियन गेम्स में उन्होंने 200 मीटर और 400 मीटर रेस में गोल्ड मेडल भी जीता।1958 में इंग्लैंड में हुए कॉमनवेल्थ गेम्स में मिल्खा ने 400 मीटर रेस में गोल्ड मेडल जीतकर अपनीप्रतिभा साबित की। उस समय, वह स्वतंत्र भारत में कॉमनवेल्थ गेम्स में भारत के लिए स्वर्ण पदक जीतने वाले पहले भारतीय थे। मिल्खा सिंह 1960 के रोम ओलंपिक और टोक्यो में 1964 के ओलंपिक में अपने शानदार प्रदर्शन के साथ दशकों तक भारत के सबसे महान ओलंपियन बने रहे। 1962 के जकार्ता एशियाई खेलों में, मिल्खा सिंह ने 400 मीटर में और 400 मीटर रिले दौड़ में चार बार स्वर्ण पदक जीते।
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