केंद्र ने गंगा में जमे गाद की समस्या को आखिरकार स्वीकार कर लिया है| समस्या के समाधान के लिए अब संयुक्त समिति बनेगी, जो बाढ़ प्रभावित इलाकों का जमीनी अध्ययन कर अपने सुझाव देगी| मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने 27 मई को दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात कर इस समस्या को उठाया था और गंगा की अविरलात और निर्मलता बनाए रखने का आग्रह किया था,जिसके बाद केंद्रीय टीम ने बिहार का दौरा किया| सीएम नीतीश कुमार की पहल पर केंद्रीय जल संसाधन मंत्रालय के सचिव अमरजीत सिंह की अगुवाई में आई टीम ने पटना से लेकर फरक्का तक गंगा नदी का हवाई सर्वेक्षण किया| इसके बाद राज्य सरकार के अधिकारियों के साथ बैठक भी की| देर शाम सीएम नीतीश कुमार ने केंद्रीय टीम के अधिकारियों के साथ बैठक कर उनकी कार्ययोजना की जानकारी ली| समीक्षा के दौरान गंगा नदी की सिल्ट की समस्या के समाधान और धारा को अविरल बनाए रखने के लिए समिति बनाने का फैसला लिया गया| समिति में केंद्रीय जल संसाधन मंत्रालय,बिहार सरकार,पर्यावरण और सामाजिक विशेषज्ञ शामिल होंगे| समिति के सदस्य मानसून के पहले एवं उसके दौरान बाढ़ग्रस्त इलाकों का अध्ययन कर गंगा की समस्याओं का क्या-क्या निदान हो सकता है इसका पता लगाएंगे|
सीएम के साथ बैठक में केंद्रीय टीम के अलावा जल संसाधन मंत्री राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह,मुख्य सचिव अंजनी कुमार सिंह,जल संसाधन के प्रधान सचिव अरुण कुमार सिंह सहित जल संसाधन विभाग के कई अधिकारी शामिल थे|