बिहार पुलिस अपने अजीबोगरीब कारनामों के लिए जानी जाती है| कभी उसके मालखाने में रखी शराब चूहे पी जाते हैं,तो कभी वो खुद कानून अपने हाथ में ले लेती है| ताजा मामला मुजफ्फरपुर का है जहां की घटना सुनकर आप चौंक जरुर जाएंगें और सोचेंगे कि जिस पुलिस पर भरोसा कर लोग अपने जान-माल को सुरक्षित समझते हैं उसी पुलिस का दूसरा चेहरा भी है! जी, वाकया सोचने पर मजबूर कर देता है कि आखिर अपराधियों से बचने के लिए लोग पुलिस के पास जाते हैं लेकिन पुलिस ही जब जान की दुश्मन बन जाए तो आखिर लोग कहां जाएं! मामला मुजफ्फरपुर जिले का है जहां खुद पुलिसवाले ही अपहर्ता बन बैठे और अपह्रत के परिवारवालों से पांच लाख की फिरौती की मांग कर डाली| इस मामले का खुलासा तब हुआ जब जिले के वरीय पुलिस अधिकारियों को अपहरण कांड की गुत्थियों को सुलझाने के दौरान शक हुआ| पुलिस ने इस कांड के आरोप में टाइगर मोबाइल के दो जवानों के साथ एक और पुलिसवाले को गिरफ्तार किया है|
फिलहाल अपह्रत युवक को तो पुलिस ने मुक्त करा लिया है, लेकिन इसके पीछे की कहानी बड़ी ही हैरान करने वाली है| बुधवार को पुलिस लाइन में तैनात एक पुलिसवाला दिनदहाड़े एक युवक को अगवा कर लेता है इस अपहरण कांड में उसे अहियापुर थाने में तैनात दो जवान भी उसका साथ देते हैं|
तीनों पुलिसवालों ने उस युवक का अपहरण कर उसे कांटी इलाके के एक कॉलेज में छुपाकर रखा, और वहीं से युवक के घरवालों से फिरौती के तौर पर पांच लाख रुपए की मांग की| इसी बीच कांटी पुलिस को युवक के अपहरण की जानकारी मिली| जानकारी के आधार पर डीएसपी ने अपहर्ताओं को पकड़ने के लिए छापेमाीर की| इस दौरान अपह्रत को मुक्त कराकर तीनों जवानों को मौके से ही दबोच लिया गया| पकड़े जाने पर जवानों ने बहाना बनाया कि युवक को एटीएम फ्रॉड मामले में पकड़ा गया है, लेकिन अहियापुर से कांटी लाने और किसी अधिकारी को इस कार्रवाई की सूचना नहीं देने के सवाल पर उनकी पोल खुल गयी| डीएसपी वेस्ट ने तीनों जवानों को गिरफ्तार कर अहियापुर पुलिस को सौंप दिया है| अगवा युवक के परिजनों ने बताया कि अप्रैल महीने में भी इसी गिरोह ने शशि को अगवा करके उनसे तीन लाख की वसूली की थी|
परिजनों ने कहा कि उस समय युवक की हत्या की धमकी के बाद पुलिस को सूचना देने की बजाए पैसे देकर उसे मुक्त कराया था|