सूबे की स्वास्थ्य व्यवस्था की पोल खोलती दो तस्वीरें हमने अपने पाठकों को बताई थीं| इन दोनों स्टोरिज में हमने ये बताया था कि कैसे मुजफ्फरपुर और पूर्णियां की दो बुजुर्ग महिलाओं की मौत के बाद भी परिजनों को अस्पताल की तरफ से एंबुलेंस नहीं मुहैया कराया गया था| एंबुलेंस नहीं मिलने के चलते दोनों परिवारों के परिजन लाश को अपने पेट से बांधकर बाइक से ही गांव ले जाने को मजबूर हुए थे|
ऐसी रिपोर्ट के आने के बाद सूबे के सीएम नीतीश कुमार इस मामले में काफी गंभीर दिखे| इस मामले में उन्होंने स्वास्थ्य विभाग को निर्देश जारी किया है| सीएम के निर्देश के बाद स्वास्थ्य विभाग ने शव वाहन उपलब्ध कराने के लिए गाइड लाइन जारी किया है| गाइड लाइन में यह कहा गया है कि अगर किसी मृत को एंबुलेंस नहीं मिला तो इसके लिए अस्पताल के वरीय पदाधिकारियों के साथ डीपीएम और हॉस्पिटल मेनेजर भी दोषी ठहराए जायेंगे|
स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव आरके महाजन ने निर्देश जारी किया है कि सभी जिलों को एक, और मेडिकल कॉलेजों को दो-दो शव वाहन मुहैया करवाई गयी थी| यदि वाहन खराब हो गया है या कहीं गया हुआ है तो संबंधित जिले के सिविल सर्जन, सदर और अनुमंडल अस्पताल के उपाधीक्षक, प्रभारी स्वास्थ्य केंद्र और रेफरल अस्पताल के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी और चिकित्सा महाविद्यालय के अधीक्षक की जिम्मेदारी होगी की वो मृतक के परिजनों को एंबुलेंस या भाड़े की गाड़ी उपलब्ध कराएं|