नवादा जिले में बड़े पैमाने पर शिक्षक नियुक्ति मामले में घोटाला सामने आया है| जानकारी के मुताबिक फर्जी तरीके से करीब 800 नियोजित शिक्षकों की बहाली कर दी गई है| फर्जीवाड़े की जानकारी के बाद शिक्षकों का वेतन रोक दिया गया है| वहीं शिक्षा विभाग ने इस पूरे मामले की निगरानी जांच के आदेश दिए हैं| गुरुवार को शिक्षा मंत्री अशोक चौधरी ने पूरे मामले की जांच के लिए निगरानी विभाग को अनुशंसा कर दी|
शिक्षा मंत्री ने बताया कि नवादा जिले में द्वितीय चरण के शिक्षक नियोजन में बैकलॉग के नाम पर 800 शिक्षकों की विभिन्न नियोजन इकाइयों में बहाली कर दी गयी थी, जबकि विभाग ने बहाली पर रोक लगायी हुई थी| ऐसे में शिक्षकों के वेतन भुगतान पर तत्काल रोक लगायी गयी है और पूरे मामले की जांच के लिए निगरानी को कहा गया है| शिक्षा मंत्री ने कहा कि इस मामले में जो लोग भी दोषी होंगे, उन पर कार्रवाई की जायेगी| दोषी पाये जाने पर शिक्षक से लेकर पदाधिकारी और नियोजन इकाइयों के मुखिया और पंचायत सेवकों पर भी कार्रवाई की जाएगी|
शिक्षक नियोजन में धांधली और कम अंक वाले अभ्यर्थियों की बहाली की शिकायत मिलने पर राज्य के सभी 3.57 लाख नियोजित शिक्षकों के सर्टिफिकेट की जांच की प्रक्रिया चल रही है| पटना हाईकोर्ट के आदेश पर शुरू हुई निगरानी जांच प्रक्रिया में हाई व प्लस टू स्कूलों के 33 हजार नियोजित शिक्षकों के फोल्डर जमा हो गये हैं और जांच चल रही है| इनमें से करीब 300 शिक्षकों के सर्टिफिकेट गलत पाये गये हैं| वहीं, प्रारंभिक स्कूलों के 3.23 लाख नियोजित शिक्षकों में 50 हजार नियोजित शिक्षकों के फोल्डर अब भी नहीं मिल सके हैं| अब तक जांच में करीब 1400 शिक्षकों के सर्टिफिकेट फर्जी पाये गये हैं| यही नहीं, हाइकोर्ट ने गलत सर्टिफिकेट पर बहाल शिक्षकों को खुद से हट जाने के दो मौके दिये थे, जिसके बाद 2300 शिक्षकों ने नौकरी छोड़ दी थी|