सूबे में स्वास्थ्य सेवाओं का हाल खराब होता जा रहा है| कभी डॉक्टर समय पर उपलब्ध नहीं होते, तो कभी अस्पतालों में दवाओं का अभाव होता है| लेकिन ताजा मामला है राजधानी पटना के प्रतिष्ठित इंदिरा गांधी संस्थान का जहां मरीज के शरीर से डॉक्टरों ने पानी निकालने की बात कही, जबकि मरीज के शरीर से खून ही निकाल लिया गया| परिणाम हुआ कि मरीज की मौत हो गई| इस घोर लापरवाही के विरोध में मरीज के परिजनों ने अस्पताल में जमकर हंगामा किया| परिजनों का आरोप है कि मरीज पिछले चौबीस घंटों तक अस्पताल में पड़ा रहा लेकिन किसी सीनियर डॉक्टर ने उसका इलाज नहीं किया और आखिरकार उसकी मौत हो गई| परिजन इसे डॉक्टरों की लापरवाही मान रहे हैं|
मृत मरीज आरा का रहने वाला था और उसे छाती में दर्द की शिकायत थी लेकिन अस्पताल आने के समय तक वो सामान्य हालत में था| अस्पताल में गुरूवार को उसे भर्ती कराया गया था| परिजनों को भरोसा था कि अस्पताल आने के बाद मरीज ठीक हो जाएगा,लेकिन कोई सीनियर डॉक्टर मरीज को देखने नहीं आया|
गुरुवार रात से मरीज की तबीयत अचानक ज्यादा खराब होने लगी| परिजन इलाज के लिए एक डॉक्टर के पास से दूसरे डॉक्टर के पास दौड़ते रहे लेकिन अस्पताल में कोई सीनियर डॉक्टर उस समय मौजूद नहीं था| वहां मौजूद डॉक्टरों ने छाती में दर्द की शिकायत के बाद पानी निकालने की बात कही लेकिन जब वो पानी निकालने लगे तो काफी मात्रा में खून निकलने लगा| इसी दौरान उसकी मौत हो गई| मरीज की मौत के बाद परिजनों ने जमकर हंगामा किया बाद में पुलिस के हस्तक्षेप से मामला शांत हो सका|