बिहार के बहुचर्चित सिपाही वर्दी घोटाला मामले में रांची की विशेष सीबीआई अदालत ने बिहार के पूर्व DG रामचंद्र खां को दोषी करार दिया है। कोर्ट ने उन्हें तीन साल की सजा सुनाई है। खान के साथ ही इस मामले में तीन अन्य आरोपियों को भी तीन-तीन साल की सजा दी गई है।
मामला वर्ष 1983-84 का है। ऊंचे दाम पर पुलिस वर्दी खरीदने का मामला सामने आया था। इसमें करीब 44 लाख रुपए के घोटाले की बात सामने आई थी। इस मामले में सीबीआइ के पुलिस उपाधीक्षक एवं सूचक एन एन सिंह ने 8 जुलाई 1986 को गोपालगंज, लखीसराय और पटना जिला में भादंवि की धारा 120 बी, 420, 477 एवं 201 तथा भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की विभिन्न धाराओं प्राथमिकी दर्ज की थी। इन लोगों पर आपराधिक षडयंत्र कर अनाधिकृत रूप से पुलिस के वस्त्र उच्च दरों पर खरीदने तथा अपने सरकारी पद का दुरुपयोग कर आपूर्तिकर्ताओं को लाभ पहुंचाकर राज्य सरकार को घाटा पहुंचाने का आरोप था। जबकि एक सरकारी आदेश में मुताबिक इन्हें पुलिस के वस्त्र की खरीद स्थानीय स्तर पर खरीद नहीं करने को लेकर निर्देशित किया गया था।