रोहिंग्या मुसलमानों के मुद्दे पर आंग सान सू ने चुप्पी तोड़ी है। म्यामांर की स्टेट काउंसलर की सू अब तक इस मुद्दे पर खामोश थीं, जिसे लेकर उनकी काफी आलोचनाएं भी हो रही थी। लेकिन अब सू ने चुप्पी तोड़ते हुए कहा है कि उनका देश अंतरर्राष्ट्रीय समुदाय के दबाव से नहीं डरता। सू ने अपने संबोधन में कहा कि “म्यांमार सरकार का मकसद दोष से भागना या जिम्मेदारी से बचना नहीं है। हम सभी प्रकार के मानवाधिकारों के उल्लंघनों और गैर कानूनी हिंसा की निंदा करते हैं।” उन्होंने कहा, “हम पूरे देश में शांति, स्थिरता और कानून का शासन बहाल करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।
जिस समय सू का यह संबोधन चल रहा था उस समय सैकड़ों लोग यंगून में जमा थे। सभी लोगों ने सरकार के प्रति अपना समर्थन दर्शाया। आपको बता दें कि ‘अराकन रोहिंग्या साल्वेशन आर्मी’ (एआरएसए) के विद्रोहियों ने 25 अगस्त को पुलिस चौकियों पर हमला कर दिया था और 12 सुरक्षाकर्मियों की हत्या कर दी थी। जिसके बाद म्यांंमार सरकार ने रोहिंग्या मुसलमानों पर कार्रवाई की, जिसके चलते अब रोहिंग्या मुसलमान म्यामांर से पलायन कर रहे हैं।
कई देश म्यांमार सरकार की इस कार्रवाई का विरोध कर रहे हैं। रोहिंग्या परिवारों की मुश्किल यह है कि म्यांमार इस तथ्य के बावजूद कि कई रोहिंग्या परिवार राखिने में सालों से रह रहे हैं, इन्हें पड़ोसी देश बांग्लादेश से आए अवैध प्रवासी समझता है। वहीं बांग्लादेश इन्हें म्यांमार का नागरिक मानता है।