रेलवे की खाली जमीन के किनारे हरियाली और खेती, ये बातें हमें चौकाती तो नहीं लेकिन सोचने पर विवश जरुर करती हैं|कारण है कि अमूमन रेलवे पटरियों के किनारे की जमीन पर हम गंदगी का अंबार जरुर देखते हैं| मरे हुए जानवर, घरों का कचरा, यहां तक कि अस्पतालों के कचरे को फेंकने के लिए भी ये जमीन मुफिद मानी जाती है|लेकिन पटना से सटे सचिवालय हॉल्ट से आगे बढ़िए आपको बस दिखेंगी तो केवल हरियाली ही हरियाली|गंदगी से मुक्त इस जगह पर आज कहीं केले का बगान लगा हुआ है, तो कही साग सब्जियां उगायी जा रही हैं|जिस जगह पर लोग कुछ दिन पहले जाने से हिचकते थे वो जगह आज सुबह में सैर करने वालों की पसंदीदा जगह बन गई है|वहीं एक तरफ भवन निर्माण विभाग जाल लगाकर प्लांटेशन का काम कर रहा है तो दूसरी तरफ भिंडी,करेला खीरा की खेती की जा रही है|
और इन सब के पीछे हैं रिटायर्ड आईपीएस अधिकारी एस के भारद्वाज|वो बताते हैं कि कभी यहां मरे हुए जानवरों को लाकर फेंक दिया जाता था जिसके दुर्गंध के चलते यहां रहने वाले लोगों और आने जाने वाले लोगों को काफी परेशानी होती थी|लेकिन एस के भारद्वाज ने इस जगह की साफ सफाई की ठानी, लेकिन वो अकेले संभव नहीं था|उन्होंने आसपास रहने वाले लोगों को अपने साथ जोड़ा|
सबसे पहले उन्होंने मरे हुए जानवरों और कूड़े कचरों से भरे इस जगह की साफ सफाई कराई फिर बड़े पैमाने पर वर्मी कंपोस्ट तैयार करवाकर जमीन को ऊपजाउ बनाने के लिए यहां डालने का काम शुरु किया| काफी मेहनत के बाद वहां केले और अरहर की खेती की शुरुआत की गई,और धीरे-धीरे वो जगह विकसित होती गई और आज वही जगह हरियाली का पर्याय बन गई है|