शिक्षा मामले में बिहार दुनिया भर में चर्चा में है कभी टॉपर घोटाला तो कभी प्रश्नपत्र लीक। पिछले दिनों मैट्रिक परीक्षा के मॉडल प्रश्नपत्र में गड़बड़ी के कारण काफी हंगामा हुआ था। जिससे सीख लिए बिना शिक्षा विभाग ने वही कहानी इंटर मॉडल प्रश्नपत्र मे भी दुहराई दी है। वहीँ बोर्ड अधिकारी इसे फॉंन्ट की गलती का नाम देकर पल्ला झाड़ रहे हैं इधर छात्र गलत शब्दों को घेरा लगाकर बोर्ड की गैर जिम्मेवार रवैए को उजागर कर रहें हैं।
पेपर में अशुद्धियों की भरमार से परीक्षार्थी सदमे में हैं। कला, वाणिज्य और विज्ञान के परीक्षार्थियों के लिए हिंदी के मॉडल प्रश्न पत्र अपलोड किए गए हैं। वाक्य विन्यास और वर्तनी की अशुद्धियों की भरमार है।
कला के लिए निर्धारित 100 अंक के हिंदी के प्रश्न पत्र में जयशंकर को जयषंकर, दूर को दुर, अशोक को अषोक, मां को मा, विशेषण को विषेषण, शिकायती को षिकायती, पुरुष को पुरूष, अशोक वाजपेयी को अषोक वायपेयी, बहुव्रीहि को बहुब्रीहि आदि लिखे गए हैं।
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इस तरह कला में कुल 77 अशुद्धियां हैं। प्रथम पृष्ठ पर 7, द्वितीय में 8 तृतीय में 18, चतुर्थ में 14, पंचम में 21 तथा छठे पेज पर नौ अशुद्धि अंकित है।
विज्ञान और वाणिज्य संकाय के लिए निर्धारित मॉडल प्रश्न पत्र में कुल 69 अशुद्धिया है । पर्यायवाची को पयार्यवाची, शशि को शषि, संपूर्णक्रांति को संपूर्णकांति एवं अनुशासन को अनुषासन लिखा गया है ।प्रथम पृष्ठ में 11 द्वितीय में 12, तृतीय में 15, चतुर्थ में 13, पंचम में 13 तथा छठे पेज पर नौ वर्तनी दोष है।
वही विद्यार्थीयो का कहना है की मॉडल पेपर में गलतियों के कारण तैयारी प्रभावित हो रही है। हिंदी में बिंदी के हेरफेर पर स्कूल में नंबर काट लिए जाते है।
सिमुलतला आवासीय विद्यालय के हिंदी के शिक्षक डॉ. सुधांशु कुमार ने बताया कि त्रुटियों से बोर्ड के साथ-साथ शिक्षकों की भी छवि खराब हो रही है। मॉडल पेपर देखने से प्रतीत होता है कि इसे अपलोड करने से पहले कई स्तरों पर बड़ी कोताही बरती गई है। यह बच्चों के साथ सरा-सर अपराध है।