विश्व हिंदू परिषद् (वीएचपी) के 52 वर्ष के इतिहास में पहली बार अंतर्राष्ट्रीय अध्यक्ष के लिए चुनाव हुआ। इस चुनाव में प्रवीण तोगड़िया गुट को बड़ा झटका लगा है। प्रवीण तोगड़िया समर्थक राघव रेड्डी की बड़ी हार हुई है। उन्हें सिर्फ 60 वोट मिले। इस हार के बाद प्रवीण तोगड़िया ने वीएचपी छोड़ने का ऐलान कर दिया।
दूसरी ओर वीएचपी के नए अंतरराष्ट्रीय अध्यक्ष हिमाचल प्रदेश के पूर्व गवर्नर एवं मध्य प्रदेश हाईकोर्ट के पूर्व जज विष्णु सदाशिव कोकजे को चुना गया।
जीत के बाद कोकजे ने अपनी टीम में अंतरराष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष के रूप में आलोक कुमार, कार्याध्यक्ष (विदेश विभाग) के लिए अशोकराव चैगुले, महामंत्री के लिए मिलिन्द पराण्डे, संगठन महामंत्री के लिए विनायक राव देशपाण्डे, नए उपाध्यक्ष के लिए चंपत राय और एक नए संयुक्त महामंत्री के लिए कोटेश्वर राव को चुना है।
बताते चले कि पिछले कुछ समय से राम मंदिर,किसान व कश्मीरी पंडितों के पुनर्वास आदि मुद्दों को ले तोगड़िया केंद्र की मोदी सरकार से काफी नाराज चल रहे थे। काफी समय से वे इन मुद्दों को विभिन्न मंचों से उठाते भी रहे थे। चुनाव हार जाने के बाद अब माना जा रहा है कि तोगड़िया अपने विरोध के स्वर और बुलंद कर सकते हैं।
गौरतलब है कि इसी साल जनवरी में तोगड़िया अहमदाबाद में बेहोशी की हालत में मिले थे, जिसके बाद उन्होंने मीडिया के सामने रोते हुए खुद की जान को खतरा होने का आरोप लगाया था। अब वीएचपी से अलग होने के बाद तोगड़िया हिंदुओं से एकजुट होने का आह्वान कर रहे हैं। वो संसद में कानून लाकर राम मंदिर निर्माण के लिए हिंदुओं को एकजुट करने की बात कह रहे हैं। जिसके लिए 17 अप्रैल से उन्होंने अहमदाबाद में अनिश्चितकालीन अनशन पर जाने का ऐलान कर दिया है।
यह है चुनावी प्रक्रिया-
वीएचपी में अंतरराष्ट्रीय अध्यक्ष को परिषद् के सदस्य मतदान की प्रक्रिया से चुनते हैं, वहीं अंतरराष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष का चयन निर्वाचित अध्यक्ष करता है। पिछले दो बार से अंतरराष्ट्रीय अध्यक्ष पद पर चुने जा रहे राघव रेड्डी अंतरराष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष पद की कुर्सी पर प्रवीण तोगड़िया को बिठाते आ रहे थे।