पटना: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा है कि अनुसूचित जाति और जनजाति के लोगों को संविधान में जो आरक्षण दिया गया है उसे कोई छीन नहीं सकता। इसके लिए वह अंतिम सांस तक संघर्ष करेंगे। उन्होंने कहा कि आरक्षण के खिलाफ किसकी क्या राय है, उससे उनका कोई लेना-देना नहीं। मुख्यमंत्री डॉ.भीमराव अंबेडकर की 127वीं जयंती के मौके पर बोल रहे थे।
इस दौरान उन्होंने कहा कि सत्ता रहे या नहीं, वे अपने बुनियादी सिद्धांतों से समझौता नहीं करेंगे। भ्रष्टाचार, अपराध और सांप्रदायिक सद्भाव बिगाडऩे वालों से कोई समझौता नहीं होगा।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि महादलितों की सारी सुविधाएं अब अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति वर्ग को मिलेंगी। इनके हर टोले में सामुदायिक शेड बनाया जायेगा। दशरथ मांझी कौशल विकास योजना के तहत इन्हें घर बनाने के लिए वास भूमि उपलब्ध करायी जायेगी। अनुसूचित जाति और जनजाति के लिए बने छात्रावासों में रहने वाले छात्र-छात्राओं को बीपीएल वाली दर पर अनाज उपलब्ध करवाने की योजना पर विचार हो रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस कल्याणकारी योजना के अलावा उन्हें दी जानी वाली छात्रवृत्ति के अलावा अलग से कुछ राशि देने पर भी विचार हो रहा है। इसका मकसद उनकी पढ़ायी-लिखायी में ज्यादा आर्थिक मदद उपलब्ध करवाना है।
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किसी का नाम लिए बगैर मुख्यमंत्री ने कहा कि कुछ लोगों को समाज को तोडऩे में यकीन है। जरूरत इस बात की है कि समाज में टकराव और तनाव के माहौल को खत्म कीजिए। कुछ लोग मिनट-मिनट पर बयान देने के आदी हैैं, पर हमलोग इससे दूर हैैं। हमें बयानबाजी नहीं अपने काम पर भरोसा है।
इस कार्यक्रम में मुख्यमंत्री के अलावे केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद, केंद्रीय मंत्री उपेंद्र कुशवाहा, उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी, मंत्री पशुपति कुमार पारस, दलित सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष रामचंद्र पासवान, सांसद चिराग पासवान, जदयू नेता अशोक चौधरी, लोजपा महासचिव श्रवण कुमार अग्रवाल, लोजपा प्रवक्ता अशरफ अंसारी सहित अन्य नेता मौजूद थे।