बिहार के मोतिहारी जिले में गुरुवार को हुए बस हादसे को लेकर कुछ मिडिया रिपोर्ट्स चौकाने वाले दावे कर रहे है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक बस में 32 लोग सवार थे। जिनमें 27 लोगों की मौत हो गयी। जबकि 5 अन्य गंभीर रूप से घायल है। दरअसल मामला अब तूल पकड़ता दिख रहा है। क्योंकी मीडिया और प्रशासन के अलग-अलग बोल सामने आ रहे है। एक निजी अख़बार को दिए इंटरव्यू में मुजफ्फरपुर पुलिस जोन के IG सुनील कुमार ने कहा है, बस को बाहर खींचकर निकाला गया है लेकिन हमें उसके अंदर कोई शव नहीं मिला। हम राख को फरेंसिक लैब में भेजेंगे और जानने की कोशिश करेंगे कि क्या हादसे में किसी की मौत हुई है।’ IG ने यह भी बताया कि बस से 8 लोगों को सुरक्षित बचाया गया है। वहीं पूर्वी चंपारण के डीएम रमन कुमार ने भी मौके पर मौजूद मीडिया से कहा, ‘बस को गड्ढे से बाहर निकाल लिया गया है, आप और मैं देख सकते हैं कि इसके अंदर एक भी शव नहीं है।’
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दूसरी ओर कोटवा सर्कल ऑफिसर संजय कुमार रजनीश ने कहा कि सभी बचाए गए यात्रियों को इलाज के लिए सदर अस्पताल में भर्ती कराया गया है। उन्होंने कहा, ‘घायल मरीज बस में मौजूद यात्रियों को लेकर अलग-अलग बयान दे रहे हैं।’
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जानिए क्या थी पूरी घटना
बिहार के मोतिहारी जिले के एनएच-18 कोलवा के पास गुरुवार को बस पलटने से उसमें आग लग गयी, जिसमें 27 लोगों की मौत हो गयी। घटना गुरुवार को शाम करीब 4 बजे हुई जब बस नंबर UP75AT-2312 मोतिहारी के रास्ते मुजफ्फरपुर से दिल्ली जा रही थी।
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बताते दें कि पटना के ज्ञान भवन में परिवहन विभाग द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित करने के दौरान ही घटना की जानकारी मिलने पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने एक मिनट का मौन रखकर दुर्घटना में मारे गये लोगों के प्रति अपनी श्रद्धांजलि एवं संवेदना व्यक्त की। साथ ही साथ राज्यपाल सत्यपाल मलिक, व पीएम मोदी भी इस पर शोक व्यक्त कर चुके हैं। वहीं बिहार सरकार की ओर से मृतक के परिजनों को 4-4 लाख रुपये मुआवजा देने की घोषणा की गयी है।