‘मैं बालक तू माता शेरावालिये’ के गायक ‘कैसेट किंग’ के नाम से प्रख्यात गुलशन कुमार का पूरा नाम गुलशन कुमार दुआ है। गुलशन पंजाबी परिवार से ताल्लुक रखते थे। गुलशन कुमार के पिता चंद्र भान दुआ दिल्ली के दरियागंज में जूस की दुकान चलाते थे जिसमें गुलशन उनका साथ देते थे। इसके बाद उन्होंने यह काम छोड़ दिल्ली में ही कैसेट्स की दुकान खोल ली जहां पर वह सस्ते दाम में गानों की कैसेट्स बेचा करते थे।
80 के दशक में गुलशन कुमार ने टी-सीरीज नमक कंपनी की नीव रखी थी। चूंकि गुलशन कुमार को बचपन से ही म्यूजिक का बेहद शौक था, इसलिए वह ऑरिजनल गानों को अपनी आवाज में रेकॉर्ड कर बेचने लगे। इसकी वजह से वह जल्द ही कैसेट किंग बनकर मशूहर हो गए। धीरे-धीरे गुलशन कुमार की छत्रछाया में कंपनी ने फिल्म प्रॉडक्शन के क्षेत्र में कदम रखे।
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बेहद कम वक्त में ही टी-सीरीज बहुत बड़ी कंपनी बन गई और गुलशन कुमार के चर्चे भी फिल्म और संगीत की दुनिया में गूंजने लगे।
जिन हालातों में संघर्ष कर गुलशन कुमार ने सफलता की रोशनी को छुआ, वह आज के दौर में किसी और के लिए सोच पाना भी मुश्किल है। गुलशन कुमार की म्यूजिक कंपनी टी-सीरीज दिन दोगुनी रात चौगुनी तरक्की करने लगी। लेकिन किसे पता था कि उनकी तरक्की ही उनकी मौत की वजह बनेगी। 12 अगस्त 1997 का वह काला दिन, किसी ने नहीं सोचा होगा कि गुलशन कुमार को यूं गोलियों से भून दिया जाएगा। मुंबई के जुहू में जीत नगर इलाके में कुछ बदमाशों ने गुलशन कुमार पर गोलियां बरसा दीं और उनकी हत्या कर दी।
गुलशन कुमार की हत्या ने पूरी म्यूजिक इंडस्ट्री को सदमे में डाल दिया।
गुलशन कुमार खुद एक बेहतरीन गायक थे और ज्यादातर भक्ति वाले गाने उन्होंने ने ही गाए हैं। जिसमें ‘हनुमान चालीसा’, ‘मैं बालक तू माता शेरा वालिए’ गाना सबसे ज्यादा हिट हुआ। उनके गाये हुए गाने आज भी लोग बड़ी शिद्दत से सुनते हैं। गुलशन कुमार ने टी सीरीज के जरिए संगीत को लोगों के घर-घर पहुंचाने का काम किया है।