बिहार के किसी चौक-चौराहे पर इन दिनों आपको ठेले वाले जरुर दिख जायेंगे। ये ठेले वाले आपकी प्यास तो बुझाएंगे ही साथ ही साथ आपको तरोताजा भी कर देंगे। अगर आप किसी काम से बाहर जाते हैं, और आपको प्यास लगती है तो आप पेड़ की छाव में खड़े ठेले वाले के पास जाकर अपनी प्यास बुझा सकते हैं। तो आइये आज हम आपको बताते हैं कि प्यास बुझाने के नुस्खे आखिर बिहारियों में इतने लोकप्रिय क्यूँ हैं।
बेल का शरबत-
गर्मियों के मौसम में आसानी से मिलने वाला ये फल पेट के लिए अत्यंत लाभकारी होता है। इस स्वादिष्ट फल के रस को तैयार करने के लिए, फल, पानी और चीनी की आवश्यकता होती है। यह बहुत पौष्टिक होता है। पीले फल होने के नाते, यह विटामिन ए का एक अच्छा स्रोत भी है। यह फाइबर में भी समृद्ध है और कब्ज से राहत देता है।
सत्तु का शरबत-
सत्तु का शरबत पेट के लिए सुपाच्य एवं अत्यंत लाभकारी है। यह पेय पानी,नमक,प्याज व सत्तु के घोल से तैयार होता है। इसमें प्रोटीन व फाइबर समृद्ध मात्रा में पायी जाती है। सत्तु का शरबत वजन घटाने में काफी मददगार होता है।
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यह पेय खाली पेट पीने से बहुत ही फायदेमंद होता है।
कच्चे आम का शरबत-
कच्चे आम का शरबत गर्मी के दोपहरी में चलने वाले लू से बचाव में अत्यंत लाभकारी होता है। इसे तैयार करना बहुत आसान है – पहले, उबाल लें या कच्चे आमों को भुनाएं, इसे ठंडा कर दें। फिर त्वचा छीलें और फल की लुगदी निकालें। फिर ठंडे पानी के साथ इस लुगदी को मिलाएं, चीनी या नमक, जीरा पाउडर का एक चुटकी जोड़ें। यह विटामिन सी में समृद्ध है और शरीर को हाइड्रेटिंग रखता है।
गुड़ का शरबत-
गुड़ गर्मी के समय फलों के रस के लिए एक सस्ता और स्वस्थ विकल्प है। गर्मियों के दौरान गुड़ लौह का एक समृद्ध स्रोत है और बहुत ही हाइड्रेटिंग है। यह तुरंत पोषण लाभ के साथ शरीर को ऊर्जा देता है। गैस्ट्रिक समस्याओं से राहत पाने के लिए भी यह बहुत उपयोगी है।
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इसे तैयार करने के लिए केवल एक सादे पानी का एक गिलास, गुड़ का एक छोटा सा टुकड़ा और अदरक पाउडर का थोड़ा टुकड़ा चाहिए।
अगर आप गर्मियों में कही बाहर जा रहे हैं, और आपको प्यास लगती है तो बेशक आप इन सब चीजों का स्वाद ले सकते हैं।