पटना। 2019 लोकसभा चुनाव और 2020 में होने वाले विधानसभा चुनाव को देखते हुए बिहार सरकार एसी/एसटी के सरकारी कर्मचारियों को तोहफा देने जा रही है। सरकार ने सरकारी नौकरियों में प्रमोशन में आरक्षण लागू करने का फैसला लिया है। एक तो चुनावी सीजन ऊपर से नीतीश सरकार का फैसला, बेहद अहम माना जा रहा है। दरअसल, बिहार में दलितों को लेकर एनडीए और महागठबंधन में खींचतान जारी है। दोनों पक्ष दलितों को अपने पाले में लाने की कोशिश में लगे हुए हैं।
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तेजस्वी इस तरह कर सकते हैं सत्ता में वापसी
वहीं दूसरी ओर जेडीयू नेता तेजस्वी यादव समझ चुके हैं कि, बिहार में अगर सत्ता वापिस हासिल करनी है तो यादव, मुस्लिम के साथ-साथ दलितों को भी अपने पाले में लेना होगा। इसी बात को ध्यान में रखकर वह दलित के बड़े नेता और पूर्व सीएम जीतन राम मांझी को एनडीए से तोड़कर महागठबंधन से जोड़ चुके हैं।
इससे पहले पांच जून 2018 को सुप्रीम कोर्ट ने संविधान पीठ का फैसला आने तक एससी-एसटी को कानून के अनुसार पदोन्नति में आरक्षण देने पर लगी रोक को हटा दिया था। शीर्ष अदालत ने केंद्र सरकार से कहा कि जब तक संविधान पीठ इस पर अंतिम फैसला नहीं ले लेती है, तब तक सरकार प्रमोशन में रिजर्वेशन कर सकती है।
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