नई दिल्ली। ईद-उल-अजहा एक ऐसा त्योहार है जिसे पूरी दुनिया के मुस्लिम लोग मनाते हैं। इस दिन मुस्लिम लोग मूल रूप से दो काम जरूर करते हैं। पहला मस्जिद में ईद की नमाज और फिर कुर्बानी। नमाज और कुर्बानी का भी एक मतलब होता है। नमाज आध्यात्मिक सिखाता है और कुर्बानी त्याग का जज्बा सिखाती है।
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इस दिन लोग अपने करीबियों के घर जाते हैं, ईद की मुबारकबाद देते हैं। अगर नहीं जा पाते तो फोन पर ही ईद की बधाई दे देते हैं। इस दिन घर के सभी छोटो को बड़ो से ईदी भी मिलती है।
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ईद-उल-अजहा का जश्न 3 दिन तक बड़ी धूम से मनाया जाता है। इसी हिसाब से कुर्बानी का सिलसिला भी ईद के दिन को मिलाकर तीन दिनों तक चलता है। ईद के मौके पर बाजारों की रौनक देखने को बनती है।
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