बेंगलुरु: कर्नाटक के बेंगलुरु में वरिष्ठ पत्रकार गौरी लंकेश की हत्या से पूरा देश स्तब्ध है। गौरी लंकेश कट्टरपंथी विचारधारा की घोर आलोचक थीं। कई बार उन्हें इसके लिए धमकियां भी मिल चुकी थीं। सामाजिक कार्यकर्ता गौरी लंकेश लोकप्रिय कन्नड़ टेबलॉयड ‘लंकेश पत्रिका’ की संपादक थीं। नवंबर, 2016 में उन्होंने भारतीय जनता पार्टी के नेताओं के खिलाफ एक रिपोर्ट प्रकाशित की थी, जिस कारण उनके खिलाफ मानहानि का मुकदमा दायर किया गया। इस मामले में उन्हें छह माह जेल की सजा हुई थी।
जानकारी के मुताबिक गोरी लंकेश को उस वक्त गोली मारी गई जब वो कार से उतरकर अपने घर का दरवाजा खोल रही थीं। अपराधियों ने उन्हें 3 से ज्यादा गोलियां मारी। वरिष्ठ पत्रकार की हत्या के बाद पूरे देश में लोगों में नाराजगी है। प्रेस क्लब ऑफ इंडिया, एनबीए और फाउंडेशन फॉर मीडिया प्रोफेशनल्स ने इस जानलेवा हमले पर नाराजगी जताई है और इसे लोकतंत्र पर हमला बताया है।
दक्षिणपंथी विचारधार की तीव्र आलोचक गोरी की मौत के बाद केंद्रीय मंत्री राज्यवर्धन सिंह राठौड़ ने इस घटना की निंदा की और ट्वीट कर कहा कि हम ऐसी हिंसा का विरोध करते हैं। कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा कि सच को दबाया नहीं जा सकता। वहीं कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल ने कहा कि गौरी एक तर्कशील पत्रकार थीं, जिन्हें शांत करा दिया गया है।
गौरी को राजराजेश्वरी नगर में उनके घर के पास गोली मारी गई है। फिलहाल पुलिस का कहना है कि विशेष टीम बनाकर इस पूरे हत्याकांड की जांच की जा रही है।