नई दिल्ली। बाइडेन ने जबसे राष्ट्रपति पद संभाला है, तबसे ही अमेरिका की राजनीति में एक अलग सी हलचल देखने को मिल रही है। इस बार ये हलचल भारत को लेकर दिखाई दे रही है। बाइडेन सरकार ने अपनी विदेश नीति में भारत को अहम जगह देने के स्पष्ट संकेत दिए हैं। अमेरिका के विदेश मंत्रालय ने मंगलवार को भारत को हिंद-प्रशांत क्षेत्र में अमेरिका का अहम साझेदार करार दिया और कहा कि, अमेरिका, भारत के वैश्विक शक्ति के रूप में उभार और क्षेत्र की सुरक्षा में उसकी भूमिका का स्वागत करता है।
इसे भी पढ़ें: पॉप स्टार रिहाना ने किसानों का किया समर्थन, ट्वीट कर कही ये बात
अमेरिका के विदेश मंत्रालय के सूत्रो की ओर से मिली जानकारी के अनुसार, भारत हिंद-प्रशांत क्षेत्र में हमारे सबसे अहम सहयोगियों में से एक है। हम भारत के वैश्विक शक्ति के तौर पर उभरने और क्षेत्र की सुरक्षा में अहम भूमिका का स्वागत करते हैं।
मिली जानकारी के अनुसार, पिछले 15 दिनों में दूसरी बार है जब अमेरिकी निदेश मंत्री ने एस. जयशंकर से फोन पर बातचीत की है। इस दौरान दोनों नेताओं ने भारत- अमेरिका की साझेदारी और अपनी साझा चिताओं पर चर्चा की। मयांमार में हालात को लेकर भी दोनों नेताओं के बीच बातचीत हुई। ब्लिंकेन ने म्यांमार में हुए तख्तापलट पर चिंता जाहिर की और कहा कि म्यांमार में कानून का शासन और लोकतात्रिंक प्रक्रिया का कायम रहना जरूरी है।भारत- अमेरिका की रणनीतिक साझेदारी के कई आयाम हैं और इशका दायरा काफी विस्तृत है। हम अंतरराष्ट्रीय संगठनों में मिलकर काम कर रहे हैं।
इसे भी पढ़ें: बाइडेन की आर्थिक नीतियां भारत-अमेरिका के कारोबारी रिश्तों को कर सकती है मजबूत!
अमेरिका भारत का सबसे अहम व्यापारिक साझेदार भी है और साल 2019 में दोनों देशों के बीच 146 अरब डॉलर का व्यापार हुआ। इसके अलावा, अमेरिकी कंपनियां भारत में विदेशई निवेश का बड़ा स्त्रोत भी हैं।मिली जानकारी के अनुसार, पिछले 15 दिनों में दूसरी बार है जब अमेरिकी निदेश मंत्री ने एस. जयशंकर से फोन पर बातचीत की है। इस दौरान दोनों नेताओं ने भारत- अमेरिका की साझेदारी और अपनी साझा चिताओं पर चर्चा की। मयांमार में हालात को लेकर भी दोनों नेताओं के बीच बातचीत हुई। ब्लिंकेन ने म्यांमार में हुए तख्तापलट पर चिंता जाहिर की और कहा कि म्यांमार में कानून का शासन और लोकतात्रिंक प्रक्रिया का कायम रहना जरूरी है।
इसे भी पढ़ें: कुर्सी संभालते ही एक्शन में जो बाइडेन, पलटे ट्रंप के ये फैसले
प्राइस ने अमेरिका और भारत के लोगों के बीच कायम रिश्ते का भी जिक्र किया और कहा कि अमेरिका में करीब 40 लाख भारतीय अमेरिकी रहते हैं और अपने-अपने क्षेत्र में अहम योगदान दे रहे हैं।