बिहार सरकार दहेज लोभियों के खिलाफ वर्तमान कानून को और कड़ा करेगी|साथ ही जरुरत के मुताबिक कानूनी प्रावधान पर सख्त कार्रवाई करेगी|सामाजिक कल्याण विभाग ने इस कुरीति को खत्म करने के लिए जागरुकता अभियान चलाने का भी फैसला किया है|बिहार सरकार इस मामले में अपनी नियमावली तैयार करेगी|वर्तमान में दहेज प्रथा उन्मूलन कानून,1961 एवं केंद्र सरकार द्वारा तैयार की गयी नियमावली बिहार में लागू है|दहेज प्रथा उन्मूलन कानून एक केंद्रीय कानून है,इसके तहत राज्य सरकार को अपनी नियमावली तैयार करने का अधिकार है|साथ ही बाल विवाह निषेध अधिनियम में भी संशोधन किया जाएगा|
क्या कहता है दहेज प्रतिषेध अधिनियम 1961
दहेज प्रतिषेध अधिनियम 1961 की मुख्य बातों में ये कहा गया है कि किसी पक्षकार के माता-पिता अभिभावक या रिश्तेदार प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष तौर से दहेज की मांग करते हैं तो उन्हें कम से कम छह माह या अधिकतम दो साल की कारावास की सजा और दस हजार रुपए जुर्माना हो सकता है|अगर घटना से एक साल के अंदर शिकायत की गयी हो तो न्यायालय पुलिस रिपोर्ट या क्षुब्ध द्वारा शिकायत करने पर अपराध का संज्ञान ले सकेगा|साथ ही दहेज निषेध अधिकारी की नियुक्ति राज्य सरकार करेगी,जो बनाए नियमों का अनुपालन कराने या दहेज की मांग के लिए उकसाने या लेने से रोकने या अपराध करने से संबंधित साक्ष्य जुटाने का काम करेगी|