सर्व मंगल मांगल्ये शिवे सर्वार्थ साधिके शरण्ये त्रयम्बके गौरी नारायणी नमोस्तुते…
नौवां रूप सिद्धिदात्री:
सुख, शान्ति एवम समृध्दि की मंगलमयी कामनाओं के साथ नवरात्र के महापर्व की शुरुआत हो चुकी है| नवरात्र को लेकर देश भर में लोगों में उत्साह है। इस महापर्व के नौवें दिन मां के नौवें रूप सिद्धिदात्री की आराधना की जाती है।यह देवी सभी प्रकार की सिद्धियों को प्रदान करने वाली हैं।नव दुर्गाओं में मां सिद्धिदात्री अंतिम हैं।इनकी उपासना के बाद भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूर्ण हो जाती है।
पूजा की विधि :
नौ दिन चलने वाले इस पर्व के नौवें दिन मां की पूजा सिद्धिदात्री के रुप में की जाती है।देवी पुराण कहता है कि शिव ने देवी के इसी स्वरूप से कई सिद्धियां प्राप्त की।शिव के अर्धनारीश्वर स्वरूप में जो आधी देवी हैं वो ये सिद्धिदात्री हैं।ये देवी सारी सिद्धियों का मूल हैं।
श्रद्धालुओं में उत्साह :
नवरात्र को लेकर राजधानी पटना समेत पूरे राज्य में लोगों के बीच गजब का उत्साह देखने को मिल रहा है। शहर के तमाम पूजा पंडाल सज-धज के तैयार हो गए है। नौ दिनों तक चलने वाले इस पर्व में मां दूर्गा के नौ रुपों की पूजा की जाती है। मां के भक्त नवरात्र के नौ दिनों तक उपवास रख कर मां की आराधना करते है। ऐसा माना जाता है नौ दिन तक मां के अलग-अलग रुपों की पूजा – अर्चना करने से माता की विशेष कृपा की प्राप्ति होती है।