राज्य सरकार से अनुदान बंद होने के बाद बिजली कंपनी अपना नुकसान कम करने में जुट गई है|चालू वित्तीय साल में कंपनी ने संचरण और वितरण नुकसान में कमी लाने की तैयारी शुरु कर दी है|विशेष तौर पर ग्रिड सब स्टेशन से फीडर तक हो रहे नुकसान को कम करने की रणनीति बन रही है|इस साल पहली बार राज्य सरकार ने बिजली कंपनियों को अनुदान देना बंद कर दिया है|कंपनी के बजाए सरकार सीधे उपभोक्ताओं को अनुदान दे रही है ऐसे में कंपनियों के लिए बिजली के नुकसान को कम करने की चुनौती आ गई है|कंपनी को अभी 45 फीसदी संचरण-वितरण नुकसान हो रहा है|अधिक दूर सब स्टेशन होने पर तकनीकी नुकसान अधिक होते हैं इसलिए कंपनी वैसे सब स्टेशनों को बड़े पैमाने पर बनाना शुरु कर दिया है,जो अंतिम चरण में हैं|बिहार में पांच दर्जन ऐसे सब स्टेशन हैं जिन्हें इस साल पूरा कर लिया जाएगा|
उंची क्षमता वाले ट्रांसमिशन लाइनो को ठीक करने की रणनीति बनायी गई है|खासकर वैसे तार जो जर्जर या बहुत पुराने हो चुके हैं|बिहार विद्युत विनियामक आयोग ने 2017-18 में नार्थ बिहार को नुकसान 28 फीसदी और साउथ बिहार पावर डिस्ट्रीब्यूशन लिमिटेड को 24 फीसदी पर लाने को कहा है|