पटना। खून एक ऐसी चीज है जिसकी जरूरत कभी ना कभी किसी को भी पड़ सकती है। ऐसे में अगर मरीजों को खून मिलने में आसानी हो जाए तो उनके लिए इससे सूकुन की बात कोई और हो ही नहीं सकती। इसलिए बिहार सरकार ब्लड बैंक को इंटरनेट से जोड़ने की योजना बना रही है। दरअसल लोक संवाद कार्यक्रम में एक समाजसेवी ने सीएम नीतीश कुमार को सुझाव दिया था, जिसके बाद नीतीश ने अधिकारियों को तुरंत कार्रवाई करने का निर्देश दिया।
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बता दें कि बिहार स्टेट ब्लड ट्रांसफ्यूजन काउंसिल की बैठक पिछले तीन सालों से नहीं हुई। इसका गलत फायदा ब्लड बैंक मरीजों से दोगुनी फीस लेकर वसूल रहें है। बहुत सारे ब्लड बैंक नेशनल ब्लड ट्रांसफ्यूजन काउंसिल का हवाला देकर मरीजों को लूट रहे हैं। बिहार स्टेट ब्लड ट्रांसफ्यूजन काउंसिल के प्रावधान मरीजों के अनूकूल होते हुए भी बिहार के मरीजों को इसका फायदा नहीं मिल पा रहा है।
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बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के लोक संवाद कार्यक्रम में जब समाजसेवी मुकेश कुमार हिसारिया ने उन्हें ये बताया तो वो हैरान रह गए। मुख्यमंत्री ने तुरंत स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव को इसकी बैठक बुलाने का निर्देश दिया।
मुकेश हिसारिया ने अपने सुझावों में मुख्यमंत्री से बिहार के सभी 36 ब्लड बैंको को इंटरनेट से लिंक करने का अनुरोध किया। अपने सुझावों में ये भी कहा कि ब्लड डोनेशन कैंप में प्रति 35 यूनिट डोनेशन के बाद राज्य सरकार की तरफ से 5 हजार रुपया देने का प्रावधान है, लेकिन यह प्रोत्साहन राशि पिछले कई वर्षो से कैंप लगाने वालों को नहीं दी जा रही है।
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ब्लड बैंक को लेकर चल रही इस गड़बड़ी से मुख्यमंत्री अनजान दिखे। उन्होंने तुरंत स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को निर्देश देकर सभी सुझावों पर गौर करने को कहा साथ ही ब्लड बैंक के प्रोसेसिंग फीस को राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के फंड से भरपाई करने की संभावनाओं को भी तलाशने का निर्देश दिया। ताकि थैलीसिमिया हेमोफिलिया के मरीजों को इसका लाभ मिल सके।
बता दें कि लोकसंवाद कार्यक्रम में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार आम लोगों के सुझावों को सुनते हैं और प्रासंगिक सुझावों पर तुरंत कार्रवाई करने का निर्देश देते हैं।