सूबे के उपमुख्यमंत्री और बिहार भाजपा के वरिष्ठ नेता सुशील कुमार मोदी पर मानहानि का केस दर्ज हुआ है। यह केस बीपीएससी के पूर्व चेयरमैन रामाश्रय प्रसाद ने किया है। दरअसल कुछ दिनों पहले सुशील मोदी ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान आरोप लगाया था कि रामाश्रय प्रसाद ने बीपीेएससी का चेयरमैन बनने के लिेए लालू प्रसाद यादव को 5 कट्ठा जमीन दिया है। रामाश्रय प्रसाद ने सुशील मोदी के इन आरोपों से साफ तौर पर इनकार किया है। रामाश्रय यादव का कहना है कि ये सभी आरोप गलत हैं औऱ उनका चयन मेरिट के आधार पर हुआ है।
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क्या कहना है रामाश्रय प्रसाद का…?
रामाश्रय प्रसाद ने अब सुशील मोदी के खिलाफ मानहानि का मुकादमा दर्ज कर उनसे 10 करोड़ रुपये बतौर हर्जाने की मांग की है। पूर्व चेयरमैन ने कहा कि जानबुझकर और गलत तथ्यों के आधार पर मेरी छवि को धूमिल करने के लिए आरोप लगाये गये हैं। मैं 19 सालों तक कुवैत यूनिवर्सिटी में अंग्रेजी का प्रोफेसर था जिसे ईस्ट का ऑक्सफोर्ड कहा जाता है। उसके बाद पटना यूनिवर्सिटी ज्वाइंन कर लिया और फिर बीपीएससी के चेयरमैन बने थे।
वर्ष 1993-94 में बेची थी जमीन
रामाश्रय यादव ने कहा कि बेटी की शादी के लिए उन्होंने 1993-94 में दानापुर के सगुना मोड़ की जमीन मोहम्मद शमीम को बेची थी, लेकिन उसके बाद मोहम्मद शमीम और उनकी पत्नी सोफिया तबस्सूम ने यह जमीन किसे दे दी। इस बात की उन्हें जानकारी नहीं है। मुझे उस समय रुपये की जरुरत थी। अब इस पूरे मामले में रामाश्रय प्रसाद ने सुशील मोदी पर केस दर्ज करा दिया है।