नई दिल्ली: ब्रिक्स सम्मेलन में भारत को बड़ी सफलता हाथ लगी है। आतंकवाद के खिलाफ भारत की लड़ाई ने एक और अहम पड़ाव पार कर लिया है। ब्रिक्स देशों ने लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) और जैश-ए-मोहम्मद (जेईएम) जैसे पाकिस्तान स्थित आतंकवादी संगठनों का नाम अपने घोषणापत्र में शामिल किया और इनसे तथा इनके जैसे तमाम आतंकवादी संगठनों से निपटने के लिए व्यापक दृष्टिकोण अपनाने का आह्वान किया।
शियामेन घोषणापत्र में कहा गया है कि हम क्षेत्र में सुरक्षा स्थिति पर और तालिबान, इस्लामिक स्टेट (आईएस), अलकायदा और इसके संबद्ध संगठन ईस्टर्न तुर्किस्तान इस्लामिक मूवमेंट, इस्लामिक मूवमेंट ऑफ उज्बेकिस्तान, हक्कानी नेटवर्क, लश्कर-ए-तैयबा, जैश-ए-मोहम्मद, टीटीपी और हिज्बुल-तहरीर द्वारा की गई हिंसा पर चिंता व्यक्त करते हैं।
आपको बता दें कि ब्रिक्स में ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका जैसे देश हैं। इन सभी देशों ने एक सुर में कहा कि हम सभी देशों से आतंकवाद से निपटने, कट्टरपंथ का खात्मा करने, आतंकवादी संगठनों में भर्तियों (विदेशी लड़ाकों सहित) को रोकने, आतंकवाद का वित्तपोषण बंद करने के लिए व्यापक दृष्टिकोण अपनाने का आह्वान करते हैं। इनमें धनशोधन, हथियारों की आपूर्ति, नशीले पदार्थो की तस्करी और अन्य आपराधिक गतिविधियां रोकने, आतंकवादी अड्डों को ध्वस्त करना, आतंकवादियों द्वारा नवीनतम सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकियों (आईसीटी) के जरिए सोशल मीडिया सहित इंटरनेट का दुरुपयोग रोकना शामिल हैं।