इंटरस्तरीय पदों के लिए ली जाने वाली प्रारंभिक परीक्षा के प्रशन पत्र लीक मामले में एक लोकहित याचिका पटना हाईकोर्ट में दायर की गई है| इस याचिका में राज्य सरकार से इस मामले की सीबीआई जांच की मांग की गई है| इस मामले पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से चार हफ्ते में जवाब देने का निर्देश दिया है| चीफ जस्टिस राजेंद्र मेनन और जस्टिस सुधीर सिंह की खंडपीठ ने लोकसभा सांसद राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव की ओर से दायर लोकहित याचिका पर सुनवाई करते हुए ये निर्देश दिया| याचिकाकर्ता की ओर से वकील ने अदालत को बताया कि बिहार कर्मचारी चयन आयोग द्वारा इंटर स्तरीय पदों के लिए ली गयी दो चरणों की प्रारंभिक परीक्षा के पर्चा लीक में राज्य के बड़े प्रशासनिक अधिकारियों और राजनेताओं की मिलीभगत है और इस मामले की निष्पक्ष जांच राज्य सरकार की पुलिस द्वारा किया जाना संभव नहीं है| इसलिए मामले की जांच का जिम्मा सीबीआई को सौंपा जाना चाहिए|
बिहार कर्मचारी चयन आयोग यानी बीएसएससी की इंटर (12वीं) स्तरीय पदों के लिए प्रारंभिक परीक्षा में प्रश्न-पत्र और उसके उत्तर लीक होने के मामले में अहम सबूत मिलने के बाद बिहार सरकार ने परीक्षा रद्द कर दी थी| मामले की जांच में जुटी विशेष जांच टीम ने आयोग के सचिव परमेश्वर राम तथा आयोग के डाटा एंट्री ऑपरेटर अविनाश कुमार को गिरफ्तार किया था| सरकार ने भी इस प्रकरण पर तुरंत कदम उठाते हुए, हो चुकी तथा होने वाली परीक्षा को रद्द कर दिया था|