नई दिल्ली। देश की सबसे बड़ी जांच एजेंसी सीबीआई में मचा घमासान अब देश की सबसे बढ़ी अदालत पर पहुंच गया है। सीबीआई डायरेक्टर आलोक वर्मा और एक एनजीओ द्वारा दाखिल याचिका पर सुप्रीम कोर्ट आ सुनवाई की गई।
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सुनवाई करते हुए चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने कहा कि, वह इस मामले को देखेंगे। उन्होंने सीवीसी से अपनी जांच अगले 2 हफ्ते में पूरी करने को कहा है, ये जांच सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड जज एके पटनायक की निगरानी में होगी। आलोक वर्मा की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को नोटिस भेजा है। उन्होंने सरकार से पूछा है कि किस आधार पर आलोक वर्मा को छुट्टी पर भेजा गया है. इस मामले में अब 12 नवंबर को अगली सुनवाई होगी।
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CJI ने सुनवाई के दौरान कहा कि इस स्थिति में बस इस मामले पर सुनवाई होगी कि ये प्रथम दृष्टया केस बनता है या नहीं। अंतरिम डायरेक्टर नागेश्वर राव की नियुक्ति पर चीफ जस्टिस ने कहा है कि वह कोई नीतिगत फैसला नहीं कर सकते हैं। वह सिर्फ रूटीन कामकाज ही देखेंगे। नागेश्वर राव ने 23 अक्टूबर से अभी तक जो भी फैसले लिए हैं, उन सभी को सील बंद लिफाफे में सुप्रीम कोर्ट को सौंपा जाएगा।
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मांगा गया था 3 हफ्ते का समय
अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल और सालिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा है कि उन्हें इस मामले के लिए 3 हफ्ते का समय दिया जाए। राकेश अस्थाना की तरफ से सुप्रीम कोर्ट पहुंचे मुकुल रोहतगी को सीजेआई ने कहा कि आपको एक नई याचिका दायर करनी होगी।
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