नई दिल्ली। घर सिर्फ दीवारों और साज़-सामान से नहीं बनता, बल्कि एक महिला घर को संभालने और उसे बनाने में अपना एक अहम योगदान देती है। महिलाएं घर परिवार का एक ऐसा स्तंभ होती हैं जिसकी जड़े हर किसी को स्थिर और संभालकर रखती हैं। हर रूप में हर काम में सक्षम होती हैं महिलाएं। घर ही नहीं बल्कि हर सेक्टर में आज की महिलाओं ने अपनी एक अलग पहचान बनाई है। चाहे वो बिजनेस सेक्टर हो, मीडिया सेक्टर हो, फैशन हो, मार्किटिंग हो या फिर राजनीति हो। लेकिन ऐसा क्यों है कि 8 मार्च को ही अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस मनाया जाता है।
8 मार्च को ही क्यों मनाया जाता है अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस?
महिलाओं के सम्मान में हर साल 8 मार्च को अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस मनाया जाता है। इस दिन दुनिया भर में महिलाओं के जीवन में सुधार लाने, उनमें जागरुकता बढ़ाने के लिए कई विषयों पर जोर दिया जाता है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि महिलाओं को सम्मान देने के लिए 8 मार्च को ही क्यों चुना गया। हर साल 8 मार्च को ही अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस क्यों मनाया जाता है ये सवाल आपके ज़हन में भी होंगा। आखिर इसके पीछे ऐसी क्या वजह है, तो चलिए इस बारे में जानते हैं।
कैसे हुई इस दिन की शुरूआत?
सन् 1908 में एक मजदूर आंदोलन के बाद ही अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस मनाने की शुरुआत हुई थी। महिलाओं ने न्यूयॉर्क में उनकी नौकरी के घंटे कम करने और साथ ही उनका वेतन बढ़ाने के लिए मांग रखी थी। महिलाओं की हड़ताल इतनी कामयाब रही कि वहां के सम्राट निकोलस को पद छोड़ना पड़ा, और अंतरिम सरकार ने महिलाओं को मतदान का अधिकार दे दिया। महिलाओं के इस आंदोलन को सफलता मिली, और एक साल बाद ही सोशलिस्ट पार्टी ऑफ अमेरिका ने इस दिन को राष्ट्रीय महिला दिवस घोषित कर दिया, जिसके बाद से इस दिन को मनाने की शुरुआत हुई। उस समय रूस में जूलियन कैलेंडर का प्रयोग होता था, जिस दिन महिलाओं ने यह हड़ताल शुरू की थी, वह तारीख 23 फरवरी थी।
अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस 8 मार्च को ही क्यों चुना गया?
साल 1917 में पहले विश्व युद्ध के दौरान 28 फरवरी को रूस की महिलाओं ने ब्रेड एंड पीस’ (यानी खाना और शांति) की मांग की थी। यही नहीं, हड़ताल के दौरान उन्होंने अपने पतियों की मांग का समर्थन करने से भी मना कर दिया था, और उन्हें युद्ध को छोड़ने के लिए राजी भी कराया था।
ग्रेगेरियन कैलेंडर में यह दिन 8 मार्च था और उसी के बाद से अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस 8 मार्च को मनाया जाने लगा। कई देशों में इस दिन महिलाओं के सम्मान में छु्ट्टी दी जाती है और कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। इस दिन महिला और पुरुष एक-दूसरे को फूल देते हैं।
महिला दिवस की शुरूआत कैसे भी हुई हो लेकिन इस सम्मान की हकदार महिलाएं हमेशा हैं। क्योंकि जितना दृढ़ निश्चय अपने काम के प्रति वो दिखाती हैं शायद ही कोई और दिखाता होगा। इसलिए ही तो महिलाएं हर रूप में हर पहलू में अच्छे से अपना कर्तव्य निभाने में कामयाब रहती हैं। इसलिए हमारी टीम की ओर से भी अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस की शुभकामनाएं। उम्मीद करते हैं, कि महिलाओं के प्रति लोगों की सोच में आएगा बदलाव और महिलाओं को मिलेगा सम्मान।