2020 में कब-कब पड़ेगा चंद्रग्रहण, क्या होंगे इसके साइड इफेक्ट

by Mahima Bhatnagar
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नई दिल्ली। 2020 का ये पहला चंद्रग्रहण है, जो आज लगने वाला है। यह ग्रहण पूर्ण ग्रहण नहीं है बल्कि ये एक उपच्छाया चंद्र ग्रहण है, जो पूर्ण चंद्रग्रहण से काफी धूंधला दिखाई देगा। इस चंद्र ग्रहण की अवधि 4 घंटे 01 मिनट तक रहेगी। इसी के साथ आपको बता दें कि, इस साल 3 चंद्र ग्रहण लगेगे, जो कि, 5 जून, 5 जुलाई और 30 नवंबर को होंगे। खास बात यह सभी ग्रहण उपच्छाया ग्रहण ही होंगे। आइए जानते हैं आज लगने वाले चंद्र ग्रहण के आरंभ, मध्यकाल और मोक्षकाल के बारे में।

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क्या है चंद्र ग्रहण लगने का समय?

आज लगने वाला चंद्र ग्रहण रात को 10 बजकर 37 मिनट पर शुरू होगा और अगली तारीख यानी 11 जनवरी को तड़के पौने तीन बजे तक चलेगा। भारत के अलावा ये ग्रहण यूरोप, एशिया, अफ्रीका और आस्‍ट्रेलिया महाद्वीपों में भी देखा जा सकेगा।

इस चंद्रग्रहण की खास बातें

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इस बार का चंद्र ग्रहण उपच्छाया चंद्र ग्रहण होगा। शास्त्रों में उपच्छाया चंद्र ग्रहण को ग्रहण के रुप में नहीं माना जाता है। इसलिए आज पूर्णिमा तिथि के पर्व और त्योहार मनाए जा सकेंगे। इस ग्रहण में चंद्रमा मिथुन राशि में होगा, नक्षत्र पूर्नवसु रहेगा। मिथुन राशि के लोगों को चंद्र ग्रहण के समय सावधान रहने की जरूरत पड़ेगी। पूर्नवसु नक्षत्र के लोगों को भी बेवजह की परेशानियां झेलनी पड़ सकती हैं।

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इस ग्रहण की सावधानियां और नियम क्या हैं?

यह ग्रहण चन्द्रमा का उपच्छाया ग्रहण है। यह सामान्य रूप से देखा नहीं जा सकेगा। इसमें चन्द्रमा पर केवल छाया की स्थिति रहेगी। इसमें चन्द्रमा सामान्य रूप से नहीं देखा जा सकेगा इसलिए इसमें किसी के लिए कोई भी सूतक के नियम लागू नहीं होंगे. पूर्णिमा की पूजा उपासना भी विधि विधान से की जा सकेगी।

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चंद्र ग्रहण क्यों होता है?

इसका सीधा सा जवाब है कि चंद्रमा का पृथ्वी की ओट में आ जाना। उस स्थिति में सूर्य एक तरफ, चंद्रमा दूसरी तरफ और पृथ्वी बीच में होती है। जब चंद्रमा धरती की छाया से निकलता है तो चंद्र ग्रहण पड़ता है।