नई दिल्ली। इसरो का दूसरा मून मिशन चंद्रयान-2 आज सफलतापूर्वक लॉन्च किया गया। इस लॉन्च के साथ इस यान की 48 घंटे की यात्रा शुरू हो गई है। करीब 16.23 मिनट बाद चंद्रयान-2 पृथ्वी से करीब 182 किमी की ऊंचाई पर जीएसएलवी-एमके3 रॉकेट से अलग होकर पृथ्वी की कक्षा में चक्कर लगाना शुरू करेगा।
#WATCH live from Sriharikota: ISRO launches #Chandrayaan2(Courtesy: ISRO) https://t.co/AiDD9xhQZQ
— ANI (@ANI) July 22, 2019
चंद्रयान-2 की 48 दिन की यात्रा
चंद्रयान-2 अंतरिक्ष यान आज से लेकर 13 अगस्त कर धरती के चारों और चक्कर लगाएगा। इसके बाद 13 अगस्त से 19 अगस्त तक चांद की तरफ जाने वाली लंबी कक्षा में यात्रा करेगा। 19 अगस्त को ही यह चांद के चारों तरफ चक्कर लगाएगा। फिर 1 सितंबर को विक्रम लैंडर ऑर्बिटर से अलग हो जाएगा और चांद के दक्षिणी ध्रुव की तरफ यात्रा शुरू करेगा।
काफी रोचक है चांद का साउथ पोल
चांद का साउथ पोल काफी मजेदार है। चंद्रमा का साउथ पोल काफी दिलचस्प है क्योंकि इसकी सतह का बड़ा हिस्सा नॉर्थ पोल की तुलना में अधिक छाया में रहता है। अंदेशा इस बात का लगाया जाता है कि इस हिस्से में पानी मिल सकता है। चंद्रयान-2 विक्रम लैंडर और प्रज्ञान रोवर का उपयोग करेगा जो दो गड्ढों- मंजिनस सी और सिमपेलियस एन के बीच वाले मैदान में लगभग 70° दक्षिणी अक्षांश पर सफलतापूर्वक लैंडिंग का प्रयास करेगा।
भारत के लिए क्या है चुनौती?
मिशन चंद्रयान-2 भारत के लिए चुनौतियां से भरा हुआ है। भारत पहली बार चांद की सतह पर सॉफ्ट लैंडिंग करेगा। चांद पर लैंडिंग करते ही भारत ऐसा करने वाले अमेरिका, रूस और चीन के साथ चौथा देश हो जाएगा। आपको बता दें कि, भारत पहले 15 जुलाई को इस यान की लॉन्चिंग करने वाला था, लेकिन क्रॉयोजेनिक इंजन में लीकेज के कारण इसे आज तक के लिए रोक दिया गया था। इसरो चीफ के सिवन ने भी कहा है कि लैंडिंग से 15 मिनट पहले का वक्त काफी चुनौतीपूर्ण रहेगा। उन्होंने कहा कि ये 15 मिनट काफी तनावपूर्ण होंगे क्योंकि इसरो पहली बार चांद की सतह पर सॉफ्ट लैंडिंग करेगा।