वैशाली जिले में भ्रष्टाचार का एक बड़ा मामला सामने आया है| जिले में कई जगहों पर चापाकल लगे ही नहीं, लेकिन कागजों पर चापाकल लगाकर रुपए निकाल लिए गए| मामला उजागर होने के बाद जिला प्रशासन ने अब इसकी जांच कराने की ठानी है| जांच निगरानी को दिए जाने के बाद विभाग ने इस मामले में प्रखंड कार्यालय से लगाए गए चापाकलों की सूची तलब की है, दूसरी तरफ बीडीओ ने भी अपने स्तर से इस मामले की जांच कराकर दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की बात कही है|
इस मामले में लाभुकों ने आरोप लगाया है कि अकेले हुसैना गांव में एक वित्तीय साल में 155 चापाकल लाभुकों को दिए गए और इसपर फर्जी तरीके से 31 लाख रुपए खर्च भी दिखा दिया गया| अब सही में ये चापाकल लाभुकों के घर लगा है या नहीं ये तो जांच का विषय है| लेकिन जिसके यहां चापाकल लगाने की बात की जा रही है वो लाभुक ऐसी बातों से साफ इनकार कर रहा है और कह रहा है कि उसके यहां कभी चापाकल नहीं लगा|
स्थानीय लोग आरोप लगाते हैं कि इतनी बड़ी राशि की हेर-फेर बिना उपरी स्तर के अधिकारियों के मेल के बिना संभव नहीं है| इस मामले में लाभुकों ने स्थानीय प्रशासन के खिलाफ आक्रोश भी जताया था लेकिन उन्हें आश्वासन के सिवाए कुछ भी नहीं मिला|