नई दिल्ली। छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव के दूसरे चरण की 72 सीटों पर वोटिंग शुरू हो गई है। इन सीटों को जीतने के लिए कांग्रेस और बीजेपी ने रणनीति के साथ-साथ जातीय खेल भी खेला जा रहा है। जिसकी तैयारियां पहले से ही की जा चुकी थी। लेकिन पिछली बार करीब दो दर्जन ऐसी सीटें रहीं, जिनपर जीत-हार का फासला कुल पड़े मतों के पांच फीसदी से भी कम था। इन सीटों पर तमाम गणित के बावजूद पार्टियों की सांसें अटकी हैं। उनकी सांसे पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी की एंट्री से और तेज हो गई है।
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पिछले 15 साल से सत्ता में है बीजेपी
छत्तीसगढ़ में बीजेपी पिछले 15 वर्षों से सत्ता में है। इस बार भाजपा 65 से अधिक सीटों पर जीत हासिल कर चौथी बार सरकार बनाने का लक्ष्य लेकर चुनाव मैदान में है। वहीं लंबे समय से सत्ता से दूर कांग्रेस को उम्मीद है कि जनता इस बार बदलाव के लिए वोट देगी। राज्य में अपनी पार्टी की सरकार बनाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री राजनाथ सिंह, भाजपा अध्यक्ष अमित शाह, अनेक केंद्रीय मंत्री, कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी, बसपा प्रमुख मायावती समेत अनेक नेताओं ने लगातार रैलियां की है।
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इन सीटों के इतिहास ने डराया
भरतपुर-सोनहाट, महेंद्रगढ़, बैकुंठपुर, भाटगांव,पथलगांव, कोटा, लोरमी, मुंगेली, तख्तपुर, बेलतारा, चंदरपुर, जैजैपुर,बसना, खलारी, महासमुंद, धरसिवा, रायपुर शहर ग्रामीण, रायपुर शहर पश्चिम, रायपुर शहर उत्तर, राजिम, दुर्ग ग्रामीण, दुर्ग शहर, पंडारिया, कवर्धा, अंतगढ़।
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चुनावी बिसात
- 72 सीटों पर होगा मतदान
- 46 सीटें सामान्य श्रेणी की
- 17 सीटें अनुसूचित जनजातियों के लिए
- 9 सीटें अनुसूचित जातियों के लिए
- 1079 प्रत्याशी मैदान में
- 119 इनमें से महिलाएं हैं