निजी क्षेत्र की नौकरियों में आरक्षण लागू करने वाला बिहार पहला राज्य बन चुका है। अब प्रदेश के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इस मुद्दे पर राष्ट्रीय बहस शुरू करने की मांग रखी है। पटना में टीवी चैनल के कार्यक्रम में पहुंचे मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने प्राइवेट सेक्टर की नौकरियों में आरक्षण के नियमों का पालने करने की वकालत की। सीएम ने यहां कहा कि निजी क्षेत्रों में रोजगार के अवसर बढ़े हैं, लिहाजा इन क्षेत्रों में आरक्षण पर राष्ट्रीय स्तर पर बहस होना चाहिए। नौकरियों में आरक्षण से समाज के वंचित तबकों को समान अवसर मिलेंगे। नीतीश कुमार ने कहा कि समाज के सभी वर्गों का संतुलित विकास संविधान में निहित लक्ष्य है आरक्षण उन तरीकों में से एक है जिससे हम इस लक्ष्य को पाना चाहते हैं।न
इस कार्यक्रम में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने विभिन्न मुद्दों पर खुलकर बातचीत की। सीएम ने कहा कि बिहार के लोग काफी टैलेन्टेड होते हैं। उन्होने कहा कि बाहर जाकर काम करना कोई खामी नहीं है, उन्होंने कहा कि बिहार के लिए इसलिए बाहर जाते ताकि उनके कौशल के लिए उन्हें सही पारिश्रमिक मिल सके। इस कार्यक्रम में बिहार के उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी भी मौजूद थे। सुशील मोदी ने भी कहा कि निजी क्षेत्र में आरक्षण के विषय पर सार्थक बहस की जरुरत है।
सुशील मोदी ने कहा कि लोगों के मन में यह गलत भावना है कि बीजेपी या आरएसएस आरक्षण का विरोध करती है। सुशील मोदी ने कहा, आरक्षण एक हकीकत है। हम इससे इनकार नहीं कर सकते। मैं भी सहमत हूं कि निजी क्षेत्र में ही रोजगार के मौके उभर रहे हैं. इसलिए मैं इस मुद्दे पर बहस का समर्थक हूं।