इनकम टैक्स विभाग ने बिहार और झारखंड की करीब एक हजार निजी कंपनियों की जांच शुरु कर दी है| विभाग को आशंका है कि ये कंपनियां केवल कागजों पर ही चल रही हैं| इनमें हर साल करोड़ों रुपए निवेश हो रहे हैं| आयकर विभाग को अंदेशा है कि इन कंपनियों में कालाधन खपाया जा रहा है| नोटबंदी के बाद इन कंपनियों में ज्यादा निवेश की जानकारी भी आयकर विभाग को है| विभाग इन कंपनियों के कागजात की जांच के लिए जल्दी ही टीम गठित करेगा| ये टीम कंपनियों का पूरा व्योरा जुटाएगी| कंपनी का पता,कंपनी के निदेशक,कंपनी के निवेश का लेखा-जोखा लिया जाएगा| यह जांच की जाएगी कि कंपनी में बड़ी पूंजी नोटबंदी के बाद निवेश की गई या बाद में| अगर निवेश नोटबंदी के बाद हुआ तो उस कंपनी का पूरा व्योरा खंगाला जाएगा| यह पता किया जाएगा कंपनी में किन-किन लोगों ने पूंजी निवेश किया है और उनकी आय का स्रोत क्या है|
कंपनी के निदेशकों से की जाएगी पूछताछ
ऐसी कंपनियों की ऑनस्पॉट जांच की जाएगी| अगर जरुरत पड़ी तो कंपनी के निदेशकों से विस्तृत पूछताछ भी की जाएगी| कंपनी के निदेशकों से ये पूछा जाएगा कि निवेश के लिए इतनी रकम कहां से आई और अगर कंपनीधारक आय का स्रोत नहीं बता सके तो राशि जब्त कर ली जाएगी|