नई दिल्ली। सर्दी के मौसम की शुरूआत होते ही राजधानी दिल्ली की हवा जहरीली होने लगी है। दिल्ली के कई इलाकों में प्रदूषण का स्तर काफी गंभीर हो गया है। हवा की क्वालिटी खराब होने के लिए गाड़ियों के प्रदूषण, कंस्ट्रक्शन और मौसम से जुड़े कई कारकों को जिम्मेदार ठहराते हुए केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने आने वाले दिनों में दिल्ली-एनसीआर में हवा के और खराब होने का पूर्वानुमान जताया है।
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इस बीच, दिल्ली के पर्यावरण मंत्री इमरान हुसैन ने बुधवार को कहा कि सेटेलाइट से मिली तस्वीरें दिखा रही हैं कि ‘खतरनाक’ स्तर पर पराली जलाई जा रही है और इसे तत्काल रोका जाना चाहिए वरना दिल्ली समेत समूचे उत्तर भारत को गंभीर स्वास्थ्य जोखिम से जूझना पड़ेगा।
Air Quality of #Delhi‘s Lodhi Road area: PM 2.5 and PM 10 remain in ‘poor’ category at 224 and 272 respectively. pic.twitter.com/6AW8pWSivx
— ANI (@ANI) October 18, 2018
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कुछ दिनों पहले दिल्ली में हवा की क्वालिटी‘खराब’ श्रेणी में पहुंचने के बाद सोमवार को ‘एनवायरमेंट पॉल्यूशन (प्रिवेंशन एंड कंट्रोल) अथॉरिटी’ (ईपीसीए) और ‘ग्रेडेड रिस्पॉन्स एक्शन प्लान’ (जीआरएपी) लागू कर दिए गए थे। इनके तहत क्वालिटी और बिगड़ने से रोकने के लिए कई उपाय अमल में लाए जाते हैं।
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इमरजेंसी प्लान पर मंथन शुरू
ईपीसीए की सदस्य सुनीता नारायण ने कहा, ‘हम अधिकारियों को निर्देश देने जा रहे हैं कि वे दिल्ली के मुख्य स्थानों पर सख्त उपायों को लागू करें। हमारे पास वजीरपुर और द्वारका में भी कचरा जलाए जाने के सबूत हैं और यह एक दूसरा मुद्दा है जो हम अधिकारियों के सामने उठाएंगे।’
ईपीसीए के एक अन्य वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि वे एनसीआर में जेनरेटर सेटों पर पाबंदी, पार्किंग शुल्क बढ़ाने और आने वाले दिनों में सार्वजनिक ट्रांसपोर्ट को और मजबूत करने जैसे उपायों पर विचार कर रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘हमने बेहद खराब एयर क्वालिटी के लिए कदम उठा लिए हैं लेकिन और सख्त उपायों पर जल्द ही फैसला लिया जाएगा।’